शनि देव और उनका कल्याणकारी कार्य: न्याय, धर्म और परोपकार-

Started by Atul Kaviraje, October 05, 2025, 10:50:52 AM

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Atul Kaviraje

शनि देव और उनका कल्याणकारी कार्य: न्याय, धर्म और परोपकार-

शनि देव और उनका कल्याणकारी कार्य: हिंदी कविता-

1. प्रथम चरण
शनि देव न्याय के, कर्मों के फल दाता।
कल्याण का मार्ग वे, सबको सिखलाते जाता।।
जीवन की परीक्षा लेते, शुद्ध करें हर मन।
त्याग और तपस्या से, हो जाए पावन तन।।

(हिंदी अर्थ): शनि देव न्याय के देवता हैं, कर्मों का फल देने वाले हैं। वे सबको कल्याण का मार्ग सिखाते हैं। वे जीवन की परीक्षा लेते हैं, जिससे हर मन शुद्ध हो जाता है। त्याग और तपस्या से शरीर पवित्र हो जाता है।

2. द्वितीय चरण
दीन दुखी और निर्धन की, जो मन से सेवा करे।
शनि देव की कृपा से, उसके सब दुख टले।।
तेल का हो या कंबल का, दान बड़ा महान।
परोपकार की भावना, है उनका सम्मान।।

(हिंदी अर्थ): जो व्यक्ति दीन, दुखी और गरीब की मन से सेवा करता है, शनि देव की कृपा से उसके सभी दुख दूर हो जाते हैं। तेल का हो या कंबल का, दान करना बहुत महान कार्य है। परोपकार की भावना ही उनका सम्मान है।

3. तृतीय चरण
मेहनत और ईमानदारी, वे देखें हर पल।
श्रम करने वालों को दें, जीवन का शुभ फल।।
झूठ और अनीति से, दूर रहें जो जन।
उनको सदा मिले सुख, शांत रहे उनका मन।।

(हिंदी अर्थ): वे हर पल मेहनत और ईमानदारी देखते हैं। श्रम करने वालों को वे जीवन का शुभ फल देते हैं। जो लोग झूठ और अनीति से दूर रहते हैं, उन्हें हमेशा सुख मिलता है और उनका मन शांत रहता है।

4. चतुर्थ चरण
शनि का रंग श्याम है, पर ज्ञान का प्रकाश।
अंधकार से निकले जो, मिटती हर निराश।।
भक्ति में जो लीन हो, करे आत्म का बोध।
शनि उसे वरदान दें, दूर करें हर क्रोध।।

(हिंदी अर्थ): शनि का रंग काला है, पर वे ज्ञान का प्रकाश देते हैं। जो अंधकार (अज्ञान) से बाहर निकलता है, उसकी हर निराशा मिट जाती है। जो भक्ति में लीन होकर आत्म-ज्ञान प्राप्त करता है, शनि उसे वरदान देते हैं और हर क्रोध दूर करते हैं।

5. पंचम चरण
पीपल के वृक्ष नीचे, जो दीप जलाते हैं।
शनि देव की कृपा को, वे निश्चित पाते हैं।।
उड़द का दान कराओ, या लोहे का पात्र।
कल्याण की यह रीति, शुभ है सदा सर्वत्र।।

(हिंदी अर्थ): जो पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाते हैं, वे निश्चित रूप से शनि देव की कृपा प्राप्त करते हैं। उड़द दाल का दान कराओ या लोहे का बर्तन दान करो। कल्याण की यह रीति हमेशा सब जगह शुभ है।

6. षष्ठ चरण
हनुमान के नाम से, शनि सदा हों शांत।
राम भक्त की पूजा में, जीवन हो भय मुक्त।।
स्थायित्व का वरदान दें, घर हो सुख से भरा।
यही उनका शुभ दर्शन, करुणा की यह धारा।।

(हिंदी अर्थ): हनुमान जी के नाम से शनि देव हमेशा शांत होते हैं। राम भक्त की पूजा करने से जीवन भय मुक्त हो जाता है। वे स्थायित्व का वरदान देते हैं, जिससे घर सुख से भर जाता है। यही उनका शुभ दर्शन है, और करुणा की यह धारा है।

7. सप्तम चरण
सच्ची भक्ति प्रेम है, सेवा ही असली दान।
शनि की महिमा गाओ, पाओ उत्तम ज्ञान।।
जय शनि देव दयालु की, जय जयकार हो।
हर मनुष्य के जीवन में, शुभ संचार हो।।

(हिंदी अर्थ): सच्ची भक्ति प्रेम है, और सेवा ही असली दान है। शनि की महिमा गाओ और उत्तम ज्ञान प्राप्त करो। दयालु शनि देव की जय-जयकार हो। हर मनुष्य के जीवन में शुभता का संचार हो।

--अतुल परब
--दिनांक-04.10.2025-शनिवार.
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