सूर्य देव का 'समाज सुधारक' का कार्य- हिंदी कविता: 'सूर्य का सुधार'-

Started by Atul Kaviraje, October 06, 2025, 10:13:45 AM

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Atul Kaviraje

सूर्य देव का 'समाज सुधारक' का कार्य-

हिंदी कविता: 'सूर्य का सुधार'-

थीम: सूर्य देव का सामाजिक सुधार कार्य और उनके गुणों से प्रेरणा।

1. प्रथम चरण: उदय का संदेश
लालिमा लेकर सूर्य ☀️ उठे,
दे संदेश समानता का।
भेदभाव के सारे बंधन टूटे,
न कोई ऊँचा न कोई नीचा।

हिंदी अर्थ: सूर्य देव अपनी लालिमा लेकर उदय होते हैं, और समानता का संदेश देते हैं। उनके प्रकाश में भेदभाव के सारे बंधन टूट जाते हैं, कोई ऊँचा नहीं और कोई नीचा नहीं।

2. द्वितीय चरण: अनुशासन की धार
निश्चित समय पर आना-जाना,
ये है अनुशासन की धार।
टालो न कोई कल का बहाना,
करो कर्म को ही स्वीकार।

हिंदी अर्थ: रोज़ निश्चित समय पर उदय होना और अस्त होना, यह अनुशासन की एक निरंतरता है। हमें कल का कोई बहाना नहीं टालना चाहिए और अपने कर्म को स्वीकार करना चाहिए।

3. तृतीय चरण: ज्ञान का प्रकाश
अंधकार को पल में दूर भगाया,
अज्ञान के सारे जाल टूटे।
सत्य का ज्ञान है सबसे सवाया,
बुद्धि के फूल मन में फूटे। 🧠

हिंदी अर्थ: सूर्य देव एक पल में अंधकार को दूर भगाते हैं, जिससे अज्ञान के सारे जाल टूट जाते हैं। सत्य का ज्ञान ही सबसे श्रेष्ठ है, और मन में बुद्धि के फूल खिलते हैं।

4. चतुर्थ चरण: स्वास्थ्य का वरदान
जीवाणु 🦠 और रोगों को मारे,
शुद्ध करे हर वायु और जल।
स्वास्थ्य का वरदान वो सँवारे,
जीवन हो जाए शक्ति का बल। 💪

हिंदी अर्थ: सूर्य देव की किरणें जीवाणुओं और रोगों को मारती हैं, हर हवा और जल को शुद्ध करती हैं। वे स्वास्थ्य का वरदान प्रदान करते हैं, जिससे जीवन शक्ति से भर जाता है।

5. पंचम चरण: अन्न का दाता
सूर्य ही प्रकाश संश्लेषण करे,
फसल को वही देता है जीना।
अन्न की कमी कोई न धरे,
कृषि को मिलता अमूल्य पसीना। 🌾

हिंदी अर्थ: सूर्य ही प्रकाश संश्लेषण करते हैं, और फसल को जीवन देते हैं। किसी को अन्न की कमी न हो, कृषि को उनका अमूल्य प्रयास (पसीना) मिलता है।

6. षष्ठम चरण: एकता का पर्व
छठ और संक्रांति जब आते,
एक घाट पर जुटता है समाज।
सामूहिक भाव सब अपनाते,
सूर्य देव संवारें सबका काज। 🌅

हिंदी अर्थ: जब छठ और मकर संक्रांति जैसे पर्व आते हैं, तो पूरा समाज एक ही घाट पर इकट्ठा होता है। सभी सामूहिक भावना अपनाते हैं, और सूर्य देव सभी के कार्यों को सफल बनाते हैं।

7. सप्तम चरण: प्रेरणा का स्रोत
करो कर्म तुम निष्काम भाव से,
निरंतरता का लो संकल्प आज।
सफलता मिलेगी हर भाव से,
सूर्य देव हैं सच्चे समाज के ताज। ✨

हिंदी अर्थ: तुम निष्काम भाव से कर्म करो, और आज निरंतरता का संकल्प लो। सफलता तुम्हें हर तरह से मिलेगी, क्योंकि सूर्य देव ही सच्चे समाज के ताज हैं।

--अतुल परब
--दिनांक-05.10.2025-रविवार.   
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