हिंदी लेख: श्री भैरवनाथ यात्रा - खोलवाडी, वाई-1-

Started by Atul Kaviraje, October 06, 2025, 10:50:12 AM

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Atul Kaviraje

भैरवनाथ यात्रा-खोलवाडी, तालुका-वIई-

हिंदी लेख: श्री भैरवनाथ यात्रा - खोलवाडी, वाई-

दिनांक: 04 अक्टूबर, 2025 (शनिवार)
पर्व: श्री भैरवनाथ यात्रा (खोलवाडी, तालुका वाई, सतारा) और शनि प्रदोष व्रत
भाव: भक्ति भाव पूर्ण, विस्तृत एवं विवेचनपरक

सार: आज, 04 अक्टूबर 2025, शनिवार का दिन, महाराष्ट्र के सतारा जिले के वाई तालुका में स्थित खोलवाडी ग्राम में एक विशेष धार्मिक उल्लास का साक्षी है। ग्राम देवता श्री भैरवनाथ की वार्षिक यात्रा (जत्रा) आज के दिन उत्साह और भक्ति के साथ मनाई जा रही है। भैरवनाथ भगवान शिव 🔱 के उग्र रूप और क्षेत्रपाल (क्षेत्र के रक्षक) माने जाते हैं। इस दिन उनकी आराधना से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख-शांति आती है। आज शनि प्रदोष व्रत का भी संयोग होने के कारण, शिव के इस रूप की पूजा का फल दुगुना हो जाता है। यह यात्रा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि ग्रामीण संस्कृति, परंपरा और अटूट लोक-आस्था का जीवंत प्रदर्शन है।

1. श्री भैरवनाथ का परिचय और स्वरूप
(Introduction and Form of Shri Bhairavnath)

1.1 भगवान शिव का स्वरूप: भैरवनाथ को भगवान शिव का रौद्र और उग्र 😠 रूप माना जाता है। काल भैरव और बटुक भैरव इनके दो प्रमुख स्वरूप हैं।

1.2 क्षेत्रपाल देवता: वे ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम देवता या क्षेत्रपाल के रूप में पूजे जाते हैं। उनकी भूमिका भक्तों के जीवन और उनके क्षेत्र की रक्षा करना है।

1.3 महाराष्ट्र में महत्व: महाराष्ट्र में, विशेषकर सतारा और कोल्हापुर क्षेत्र में, भैरवनाथ का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्हें 32 करोड़ शिव गणों का सेनापति ⚔️ भी कहा जाता है।

1.4 पूजन का उद्देश्य: भैरवनाथ की पूजा करने से भक्त भय, शत्रु और बाधाओं से मुक्त होते हैं और उन्हें दीर्घायु प्राप्त होती है।

2. खोलवाडी यात्रा का ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व
(Historical and Cultural Significance of Kholwadi Yatra)

2.1 लोक आस्था का केंद्र: खोलवाडी में भैरवनाथ का मंदिर ग्रामवासियों के लिए अटूट आस्था का केंद्र है। यात्रा के दिन पूरा गाँव एक धार्मिक वातावरण में रंग जाता है।

2.2 वार्षिक परंपरा: भैरवनाथ की यात्रा (जत्रा) एक वार्षिक पर्व है, जिसकी तारीख स्थानीय पंचांग और ग्राम परंपराओं के अनुसार तय होती है।

2.3 ग्रामीण एकता: यह यात्रा न केवल धार्मिक है, बल्कि ग्रामीण एकता और भाईचारे का प्रतीक भी है। इस दिन सभी गाँववासी मिलकर आयोजन करते हैं।

2.4 सांस्कृतिक विरासत: यात्रा में पारंपरिक लोक-नृत्य, वाद्य-संगीत 🥁 और कुश्ती (दंगल) जैसे ग्रामीण खेलों का आयोजन होता है, जो महाराष्ट्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं।

3. यात्रा की प्रमुख धार्मिक गतिविधियाँ
(Main Religious Activities of the Yatra)

3.1 अभिषेक और पूजा: सुबह के समय मुख्य मंदिर में भैरवनाथ की मूर्ति का पवित्र जल, दूध और पंचामृत से महाभिषेक 🚿 किया जाता है।

3.2 पालकी सोहळा: यात्रा का मुख्य आकर्षण भैरवनाथ की पालकी या रथ यात्रा 🛺 है, जिसे गाजे-बाजे के साथ पूरे गाँव में घुमाया जाता है। भक्त पालकी को कंधे पर उठाकर जयघोष करते हैं।

3.3 नवस फेडणे: भक्तगण अपनी मनोकामनाएँ पूर्ण होने पर इस दिन मंदिर में नवस (मन्नत) उतारते हैं, जिसमें तेल, नारियल या चांदी की वस्तुएँ अर्पित की जाती हैं।

3.4 जागरण और गोंधळ: यात्रा की रात में जागरण और गोंधळ (देवी-देवताओं की स्तुति में किया जाने वाला लोक-नाट्य) का आयोजन किया जाता है।

4. शनिवार (शनि प्रदोष) का विशेष संयोग
(Special Confluence of Saturday (Shani Pradosh))

4.1 दोहरी भक्ति: आज शनि प्रदोष होने के कारण, भगवान शिव (भैरवनाथ शिव का रूप हैं) और न्याय के देवता शनिदेव 🪐 दोनों की कृपा एक साथ प्राप्त होती है।

4.2 शनि दोष निवारण: भैरवनाथ की पूजा करने से शनि के अशुभ प्रभाव (जैसे साढ़ेसाती और ढैया) कम होते हैं, क्योंकि भैरवनाथ भी काल (समय) और बाधाओं को नियंत्रित करते हैं।

4.3 काल भैरव और काल: भैरवनाथ को 'काल भैरव' भी कहा जाता है, जो काल या समय के नियंत्रक हैं। शनि भी समय और कर्म के कारक हैं, इसलिए दोनों की पूजा फलदायी है।

4.4 सरसों के तेल का दीपक: भक्त आज शनि प्रदोष के नियमों का पालन करते हुए, भैरवनाथ के समक्ष 🪔 सरसों के तेल का दीपक भी जलाते हैं।

5. भैरवनाथ की उपासना और लाभ
(Worship and Benefits of Bhairavnath)

5.1 भय मुक्ति: भैरवनाथ की पूजा से हर प्रकार का भय (रोग, मृत्यु, शत्रु) समाप्त होता है, और भक्त निर्भीक हो जाते हैं। 🦁

5.2 आर्थिक स्थिरता: भैरवनाथ को कई स्थानों पर धन और समृद्धि का रक्षक भी माना जाता है, जिससे भक्तों को आर्थिक स्थिरता मिलती है। 💰

5.3 तंत्र-बाधा निवारण: उग्र देवता होने के कारण, उनकी पूजा तंत्र-मंत्र और बुरी शक्तियों 👻 के प्रभाव को दूर करने में सहायक है।

5.4 सुख-समृद्धि: सच्ची श्रद्धा से की गई पूजा से भैरवनाथ प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-04.10.2025-शनिवार.
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