कोजागिरी पौर्णिमा/शरद पौर्णिमा-1=🌕🙏💰🪷🎶🍚🧘‍♀️

Started by Atul Kaviraje, October 07, 2025, 09:43:54 AM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

कोजागिरी पौर्णिमा/शरद पौर्णिमा-

तिथि: 06 अक्टूबर, 2025 - सोमवार

🌕 कोजागिरी/शरद पूर्णिमा: भक्ति, अमृत और महालक्ष्मी का पावन पर्व 🪷
शरद पूर्णिमा (आश्विन मास की पूर्णिमा) हिंदू धर्म में सर्वाधिक महत्वपूर्ण और पवित्र मानी जाने वाली पूर्णिमा है। इसे कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। यह वह रात है जब चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से युक्त होकर पृथ्वी पर अमृत-सी शीतल किरणें बिखेरता है। यह पर्व माँ महालक्ष्मी के प्राकट्य और भगवान श्रीकृष्ण की महारास लीला का साक्षी है, इसलिए यह भक्ति-भाव और उल्लास से परिपूर्ण होता है।

🌙 प्रतीक (Symbols), चित्र (Pictures) और इमोजी सारansh (Emoji Summary) 🌟

मुख्य प्रतीक: पूर्ण चंद्रमा 🌕, महालक्ष्मी 🪷, दूध-चावल की खीर 🍚, बंसी बजाते कृष्ण 🎶

भाव: भक्ति 🙏, समृद्धि 💰, शांति 🧘�♀️, आरोग्य 💪

इमोजी सारansh: 🌕🙏💰🪷🎶🍚🧘�♀️

विवेकनपूर्ण विस्तृत लेख (Detailed and Analytical Article)
1. पर्व का नाम और तिथि 📅

उप-बिंदु   विवरण
1.1 अन्य नाम   कोजागरी पूर्णिमा: 'को जागृति' (कौन जाग रहा है?) से बना है, मान्यता है कि इस रात देवी लक्ष्मी धरती पर भ्रमण कर भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। रास पूर्णिमा: भगवान श्रीकृष्ण की महारास लीला से संबंधित।
1.2 तिथि (2025)   06 अक्टूबर, 2025, सोमवार। आश्विन मास, शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा।
1.3 चंद्रोदय का महत्व   इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है, जो सौंदर्य, शीतलता और पूर्णता का प्रतीक है।

2. धार्मिक एवं पौराणिक महत्व 🙏

उप-बिंदु   विवरण
2.1 महालक्ष्मी का प्राकट्य   पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के समय इसी दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी 🪷 प्रकट हुई थीं। इसलिए यह दिन लक्ष्मी पूजन के लिए अति विशेष है।
2.2 श्रीकृष्ण की महारास लीला   ब्रज में भगवान श्रीकृष्ण ने राधा और गोपियों के साथ महारास रचाया था। यह दिव्य लीला प्रेम, भक्ति और आनंद का अद्वितीय प्रतीक है। 🎶
2.3 चंद्रदेव की पूजा   इस दिन चंद्रदेव की पूजा का विधान है। माना जाता है कि उनकी किरणें अमृत से युक्त होती हैं। 🌕

3. कोजागरी व्रत और जागरण 💡

उप-बिंदु   विवरण
3.1 'को जागृति' का अर्थ   यह रात जागकर देवी लक्ष्मी की पूजा, भजन-कीर्तन करने की होती है। जो भक्त रात भर जागकर (को जागृति) उनकी आराधना करते हैं, उन्हें देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
3.2 पूजा विधि   माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु/श्रीकृष्ण का विधि-विधान से पूजन। घर के द्वार पर दीपक 🪔 जलाना और अक्षत/कौड़ी की पूजा करना।
3.3 जागरण का फल   रात भर जागरण करने से धन, ऐश्वर्य, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। 💰

4. खीर और अमृत वर्षा का विधान 🍚

उप-बिंदु   विवरण
4.1 खीर बनाने की परंपरा   इस दिन दूध, चावल और मेवा से बनी खीर 🍚 को खुले आसमान के नीचे चाँद की रोशनी 🌕 में रखा जाता है।
4.2 वैज्ञानिक मत   शरद ऋतु में चंद्रमा की किरणें विशेष रूप से शुद्ध और पौष्टिक होती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक मानी जाती हैं।
4.3 अमृत समान प्रसाद   रात भर रखी गई इस खीर को अगले दिन प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है, जिसे अमृत तुल्य माना जाता है और यह आरोग्य व रोग-मुक्ति प्रदान करती है। 💪

5. आरोग्य और स्वास्थ्य लाभ ⚕️

उप-बिंदु   विवरण
5.1 शीतलता और शांति   शरद पूर्णिमा की रात वातावरण में शीतलता और चंद्रमा की शांतिपूर्ण ऊर्जा व्याप्त होती है, जो मानसिक शांति 🧘�♀️ देती है।
5.2 श्वास संबंधी रोग   आयुर्वेद के अनुसार, इस रात खीर का सेवन और चंद्रमा की किरणों में बैठना श्वास संबंधी रोगों में लाभकारी है।
5.3 सकारात्मक ऊर्जा   माना जाता है कि चंद्रमा की किरणें शरीर को सकारात्मक ऊर्जा से भर देती हैं। ✨

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-06.10.2025-सोमवार. 
===========================================