🪔 आकाश दीपदान: पितृ-मोक्ष और पुण्य का पावन पर्व 🌟-2-🪔🙏💫🧭🌳🕌

Started by Atul Kaviraje, October 07, 2025, 09:46:01 AM

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Atul Kaviraje

आकाश दीपदान-

🪔 आकाश दीपदान: पितृ-मोक्ष और पुण्य का पावन पर्व 🌟-

6. दीपदान के मंत्र और संकल्प 🙏

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6.1 संकल्प   दीपदान से पहले हाथ में जल लेकर संकल्प लिया जाता है कि यह कर्म पितरों के मोक्ष और भगवान विष्णु की प्रसन्नता के लिए किया जा रहा है।
6.2 दीपदान मंत्र   दीपदान करते समय 'दामोदर' (भगवान विष्णु) के नाम का स्मरण किया जाता है। मंत्र: "दामोदराय नमो नित्यं दीपदानं करोम्यहम्। मम् मुक्ति-सिद्धि-सौख्याय शांतिर्भवतु।"

7. दीपदान के लिए सामग्री 🧺

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7.1 मुख्य सामग्री   मिट्टी का दीप 🪔, शुद्ध घी/तेल, रुई की बाती, बाँस/खम्भा, वस्त्र (सजाने हेतु), फूल, अक्षत और रोली।
7.2 बाँस का प्रतीक   बाँस को भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप का प्रतीक भी माना जाता है, इसलिए इसकी पूजा भी दीपदान से पहले की जाती है।

8. दीपदान के नियम 📜

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8.1 पवित्रता   दीपदान के समय पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। स्नान के बाद ही दीप जलाना उचित है।
8.2 दीपक का मुख   दीपक का मुख हमेशा आकाश की ओर (ऊपर की ओर) होना चाहिए।
8.3 निरंतरता   सर्वोत्तम फल के लिए यह दीप पूरे कार्तिक मास तक प्रतिदिन जलना चाहिए।

9. आकाश दीप और सामाजिक समरसता 🫂

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9.1 सामुदायिक आयोजन   कई स्थानों पर, यह दीपदान सामुदायिक रूप से मंदिरों या सार्वजनिक स्थलों पर किया जाता है, जिससे सामाजिक समरसता बढ़ती है।
9.2 परोपकार   यह परंपरा हमें प्रकाश बाँटने और परोपकार की भावना सिखाती है।

10. उपसंहार (Conclusion) 🌅

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10.1 सार   आकाश दीपदान केवल एक अनुष्ठान नहीं, बल्कि पितरों के प्रति श्रद्धा, ईश्वर के प्रति समर्पण और सकारात्मकता के प्रसार का माध्यम है।
10.2 आह्वान   यह पर्व हमें अँधेरे को चीरकर प्रकाश की ओर बढ़ने का मार्ग दिखाता है। 💫

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-06.10.2025-सोमवार. 
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