🐏 श्री बिरदेव यात्रा, सालपे (फलटण): धनगर समाज की आस्था और शक्ति का महाकुंभ 🙏-1

Started by Atul Kaviraje, October 07, 2025, 09:57:11 AM

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Atul Kaviraje

श्री बिरदेव यात्रा-सालपे, तालुका-फलटण-

चूँकि श्री बिरदेव (जिन्हें बिरोबा भी कहा जाता है) महाराष्ट्र के धनगर समुदाय 🐏 के प्रमुख देवता हैं, उनकी यात्राएँ आमतौर पर नवरात्रि/दशहरा या चैत्र पूर्णिमा के आस-पास होती हैं। हालाँकि, सालपे, फलटण की यात्रा का वर्णन कोजागिरी पूर्णिमा के दिन एक विशेष धार्मिक और सामाजिक उत्सव के रूप में किया गया है, जो धनगर समुदाय की आस्था और ग्रामीण संस्कृति का एक अद्भुत प्रतीक है।

तिथि: 06 अक्टूबर, 2025 - सोमवार (कोजागिरी पूर्णिमा)

🐏 श्री बिरदेव यात्रा, सालपे (फलटण): धनगर समाज की आस्था और शक्ति का महाकुंभ 🙏-

श्री बिरदेव 🐏 भगवान शिव के अवतार माने जाते हैं और महाराष्ट्र के धनगर समुदाय (चरवाहों) के प्रमुख कुलदैवत हैं। सतारा जिले के फलटण तालुका में स्थित सालपे गाँव का बिरदेव मंदिर इस समुदाय के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थान है। यहाँ की बिरदेव यात्रा केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि धनगर संस्कृति, वीरता और प्रकृति प्रेम का एक जीवंत प्रदर्शन है।

06 अक्टूबर 2025 को कोजागिरी पूर्णिमा है। हालाँकि यह तिथि माता लक्ष्मी और चंद्र पूजा के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन सालपे में इस शुभ रात्रि को बिरदेव की पूजा और भक्तों के जागरण 🔔 का विशेष महत्व होता है। भक्तगण रात भर भगवान बिरोबा के भजन और कैरी (लकड़ी के डंडे) नृत्य करते हुए सुख, समृद्धि और भेड़ों की रक्षा 🐑 की कामना करते हैं।

🌟 प्रतीक (Symbols), चित्र (Pictures) और इमोजी सारansh (Emoji Summary) 🪷

मुख्य प्रतीक: बिरदेव/बिरोबा 🐏, धनगर 🧑�🌾, कैरी/काठी 🦯, भेड़/रेवड़ 🐑, भंडारा 🧡

भाव: भक्ति 🙏, परंपरा 📜, शौर्य 💪, प्रकृति 🏞�

इमोजी सारansh: 🐏🧑�🌾🐑🧡🦯🙏

विवेकनपूर्ण विस्तृत लेख (Detailed and Analytical Article)
1. देवता का परिचय और पौराणिक संबंध 🕉�

उप-बिंदु   विवरण
1.1 देवता का स्वरूप   श्री बिरदेव 🐏 भगवान शिव 🕉� के अंशावतार हैं। वे धनगरों (चरवाहा) के रक्षक और न्यायप्रिय देवता के रूप में पूजे जाते हैं।
1.2 बिरोबा की कथा   बिरोबा की कथाएँ वीरता, धर्मपरायणता और सामाजिक न्याय से भरी हैं, जो धनगर समुदाय को प्रेरणा देती हैं।

2. सालपे (फलटण) का महत्व 🏞�

उप-बिंदु   विवरण
2.1 तीर्थस्थान   फलटण तालुका, सतारा जिले का सालपे गाँव, धनगर समाज के लिए एक प्रमुख तीर्थक्षेत्र है।
2.2 आस्था का केंद्र   यह मंदिर न केवल स्थानीय लोगों, बल्कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के दूर-दराज के क्षेत्रों से आने वाले भक्तों की अटूट आस्था का केंद्र है।

3. यात्रा और कोजागिरी पूर्णिमा का संयोग 🌕

उप-बिंदु   विवरण
3.1 पूर्णिमा का जागरण   06 अक्टूबर 2025 को कोजागिरी पूर्णिमा की रात को, भक्त बिरदेव की पूजा करते हुए रातभर जागरण 🔔 करते हैं, जो इस उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
3.2 शक्ति और समृद्धि   बिरदेव (शक्ति) और कोजागिरी (समृद्धि) के इस संयोग में भक्त शारीरिक शक्ति 💪 और आर्थिक समृद्धि 💰 दोनों की कामना करते हैं।

4. धनगर समुदाय की संस्कृति का प्रदर्शन 🧑�🌾

उप-बिंदु   विवरण
4.1 मुख्य समुदाय   यह यात्रा मुख्य रूप से धनगर समुदाय द्वारा आयोजित की जाती है, जो अपनी विशिष्ट ग्रामीण और चरवाहा संस्कृति का प्रदर्शन करते हैं।
4.2 भेड़ों की पूजा   इस अवसर पर, भेड़ों 🐑 की विशेष पूजा की जाती है और उनके अच्छे स्वास्थ्य और संख्या में वृद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है।

5. कैरी (काठी) और डफ का नृत्य 🦯🥁

उप-बिंदु   विवरण
5.1 कैरी/काठी नृत्य   यात्रा का मुख्य आकर्षण कैरी (एक प्रकार का लकड़ी का डंडा/छड़ी) या काठी नृत्य है, जिसे भक्त ढोल-डफ 🥁 की ताल पर उत्साह से प्रदर्शित करते हैं।
5.2 शौर्य का प्रतीक   यह नृत्य न केवल कला है, बल्कि शौर्य 💪, एकाग्रता और सामुदायिक सामंजस्य का प्रतीक भी है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-06.10.2025-सोमवार. 
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