"शुभ संध्या, शुभ गुरुवार मुबारक हो"शाम के बगीचे में एक सुकून भरा पल 🌙🌸🧘

Started by Atul Kaviraje, October 09, 2025, 07:41:52 PM

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Atul Kaviraje

"शुभ संध्या, शुभ गुरुवार मुबारक हो"

शाम के बगीचे में एक सुकून भरा पल

शाम के बगीचे में एक सुकून भरा पल 🌙🌸🧘

चरण (Charan)   हिंदी कविता (Hindi Kavita)

I   सूरज डूब गया है, रोशनी कम हो रही है, रंग कोमल और हल्के हो रहे हैं। हवा पर एक खामोशी उतरती है, हर दुनियावी चिंता को दूर करती है।

II   शाम की ओस गिरनी शुरू होती है, सब पर एक छोटी सी चाँदी की परत। यह पत्ती और गुलाब पर धीरे से बैठती है, एक कोमल शांति जिसे बाग जानता है।

III   एक मीठी खुशबू उठनी शुरू होती है, गहरे और काले होते आसमान के नीचे। चमेली के फूल और आधी रात के फूल की, इस शांत घंटे का जादू।

IV   छोटा झींगुर (Cricket) अपना गाना शुरू करता है, एक लयबद्ध आवाज़, साफ और लंबी। समय को चिह्नित करने वाली एक प्राकृतिक घड़ी, एकदम सही तुकबंदी में एक धुन।

V   बगीचे की बेंच आराम के लिए बुलाती है, जैसे दिन का लंबा, व्यस्त अध्याय समाप्त होता है। मैं बैठता हूँ और तारों को देखता हूँ, और इस शांत क्षण को अपने पास रखता हूँ।

VI   चाँद उगता है, एक पतला अर्धचंद्र, रात के चमत्कारों को अंदर आने देता है। इसकी चाँदी की चमक, एक कोमल दोस्त, जब तक शाम का समय समाप्त नहीं हो जाता।

VII   तो अंधेरे और खामोशी को घुलने-मिलने दो, इस सरल शांति पर, हम निर्भर रह सकते हैं। एक आरामदेह आत्मा, शांत और मुक्त, बाग का आपको और मुझे उपहार।

--अतुल परब
--दिनांक-09.10.2025-गुरुवार.
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