"शुभ रात्रि, शुभ गुरुवार मुबारक हो"बर्फीले परिदृश्य पर एक चमकता चाँद 🌕❄️🌲

Started by Atul Kaviraje, October 09, 2025, 10:16:18 PM

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Atul Kaviraje

"शुभ रात्रि, शुभ गुरुवार मुबारक हो"

बर्फीले परिदृश्य पर एक चमकता चाँद

बर्फीले परिदृश्य पर एक चमकता चाँद 🌕❄️🌲

चरण (Charan)   हिंदी कविता (Hindi Kavita)

I   शांत रात साफ और गहरी है, जबकि सारी थकी हुई दुनिया सो रही है। ज़मीन सफ़ेद रुई में लिपटी है, स्वर्ग के चाँदी के प्रकाश को दर्शाती हुई।

II   चाँद उगता है, एक जमा हुआ मोती, दुनिया के लिए सुंदरता को उजागर करता है। इतना साहसी और चमकीला, एक चमकता गोला, यह हर संदेह और डर को दूर कर देता है।

III   बर्फ से ढकी पहाड़ियाँ नुकीली और ऊँची खड़ी हैं, मखमली आसमान के मेहराब के नीचे। हर छोटा कण, हीरे की एक चिंगारी, सोये हुए अंधेरे को रोशन करती हुई।

IV   चीड़ के पेड़ पाले की टोपी पहनते हैं, जंगल में चुपचाप खड़े हैं। उनकी लंबी परछाइयाँ, नीली स्याही के रंग में, एक रहस्यमय और नया दृश्य।

V   तीखी ठंडी हवा खामोशी को आमंत्रित करती है, एक शांत, स्थिर, शांतिपूर्ण हलचल। शहर का कोई कोलाहल नहीं, कठोर और पास का, बस चाँद की कोमल आवाज़ हमें सुनाई देती है।

VI   रास्ता चमकता है जमी हुई पपड़ी से, धूल से बनी एक नाज़ुक परत। यह आँखों को सफ़ेद रंग के पार ले जाता है, शानदार प्रकाश के स्रोत की ओर।

VII   ज़मीन पर यह चाँदी की रोशनी, जहाँ ऐसा गहरा जादू पाया जा सकता है। यह आत्मा को शांत करता है, और हमें एहसास कराता है, बर्फ का सरल चमत्कार।

--अतुल परब
--दिनांक-09.10.2025-गुरुवार.
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