श्री गजानन महाराज: अलौकिक योगी, कर्मयोगी और मौन दीक्षा गुरु।-🕉️🙏🐘🔥

Started by Atul Kaviraje, October 10, 2025, 11:57:50 AM

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Atul Kaviraje

श्री गजानन महाराज: अलौकिक योगी, कर्मयोगी और मौन दीक्षा गुरु।-

हिंदी कविता: शेगाँव के योगी, दीक्षा गुरु-
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चरण (Stanza)   कविता (Poem)   चरण का हिंदी अर्थ (Meaning)

I   शेगाँव में प्रकटे गजानन स्वामी, अवधूत रूप में, जग के अंतर्यामी। 'गण गण गणात बोते' मुख से उच्चारा, वह सिद्ध मंत्र ही दीक्षा का धारा।   
हिंदी अर्थ: गजानन स्वामी शेगाँव में प्रकट हुए, जो अवधूत रूप में संसार के भेद जानने वाले (अंतर्यामी) थे। उनके मुख से निकला 'गण गण गणात बोते' मंत्र ही भक्तों के लिए दीक्षा का आधार है।   

II   बिना बोले ही ज्ञान देते महान, लीलाओं से मिटाते हर अभिमान। अहंकारी को पाठ सिखाया करारा, हर चमत्कार में छिपा एक इशारा।   
हिंदी अर्थ: वे बिना बोले ही महान ज्ञान देते हैं, अपनी चमत्कारी लीलाओं से भक्तों का हर प्रकार का घमंड (अभिमान) मिटाते हैं। उन्होंने घमंडियों को कड़ा सबक सिखाया, क्योंकि उनके हर चमत्कार में एक आध्यात्मिक संकेत छिपा होता था।   

III   बंकट लाला ने जब शरण में लिया, मौन दीक्षा का बीज तब बो दिया। प्रेम और श्रद्धा से जिसने भी पूजा, उसे मिली मुक्ति, नहीं रही दूजा।   
हिंदी अर्थ: जब भक्त बंकटलाल अग्रवाल ने उन्हें आदर से स्वीकार किया, तभी महाराज ने मौन दीक्षा का बीज बो दिया। जिसने भी उन्हें सच्चे प्रेम और श्रद्धा से पूजा, उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई, कोई दूसरा रास्ता नहीं रहा।   

IV   कर्मयोग का महत्व जग को बताया, सेवा को ही सच्चा धर्म ठहराया। दीन-दुखियों के वे थे कैवारी, जाति-भेद की तोड़ी हर दीवार सारी।   
हिंदी अर्थ: उन्होंने संसार को कर्मयोग का महत्व समझाया और निःस्वार्थ सेवा को ही सच्चा धर्म घोषित किया। वे गरीब और दुखी लोगों के सहायक (कैवारी) थे, जिन्होंने जाति और भेद की हर दीवार को तोड़ दिया।   

V   विस्तवा बिना चिलीम जलाई जब, जानकीराम ने मानी गुरु महिमा तब। सूखी कुएँ में पानी भरवाया, भक्तों को ईश्वर का एहसास कराया।   
हिंदी अर्थ: जब उन्होंने बिना आग (विस्तवा) के चिलीम जलाई, तभी जानकीराम सुनार ने गुरु की शक्ति को माना। उन्होंने सूखे कुएँ को पानी से भर दिया, और अपने भक्तों को साक्षात ईश्वर के अस्तित्व का अनुभव कराया।   

VI   मोक्ष की दीक्षा अंत में भी दी, भास्कर पाटिल को सद्गति मिली। बैठाकर पद्मासन, नाम जप करवाया, परमहंस गुरु ने मुक्ति का पथ दिखाया।   
हिंदी अर्थ: उन्होंने अपने जीवन के अंतिम क्षणों में भी मोक्ष की दीक्षा दी। भास्कर पाटिल को अच्छी गति (सद्गति) प्राप्त हुई। उन्हें पद्मासन में बिठाकर नाम जपने को कहा, इस प्रकार परमहंस गुरु ने मोक्ष का मार्ग दिखाया।   

VII   गुरुवर की कृपा सदा बरसती है, उनके चरणों में हर आस फलती है। यही सार दीक्षा का, यही है कहानी, भक्ति और प्रेम से ही आत्मा है सयानी।   
हिंदी अर्थ: गुरुवर गजानन महाराज की कृपा हमेशा भक्तों पर बरसती रहती है। उनके चरणों में रखी हर आशा पूरी होती है। यही उनकी दीक्षा का मूल सार और कहानी है कि केवल भक्ति और प्रेम से ही आत्मा ज्ञानी (सयानी) बनती है।   

--अतुल परब
--दिनांक-09.10.2025-गुरुवार.
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