श्री स्वामी समर्थ: 'भिऊ नकोस मी तुझ्या पाठीशी आहे' का अढळ विश्वास।-🕉️🙏🛡️

Started by Atul Kaviraje, October 10, 2025, 12:00:09 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

श्री स्वामी समर्थ: 'भिऊ नकोस मी तुझ्या पाठीशी आहे' का अढळ विश्वास।-

हिंदी कविता: स्वामी भक्ति का विश्वास-
🕉�🙏🛡�

चरण (Stanza)   कविता (Poem)   चरण का हिंदी अर्थ (Meaning)

I   स्वामी समर्था का नाम है महान, हर संकट में देते हैं अभय का दान। 'भिऊ नकोस' यह उनका गुरुमंत्र सार, भक्तों के जीवन का ये ही तो आधार।   
हिंदी अर्थ: श्री स्वामी समर्थ का नाम बहुत महान है, वे हर मुसीबत में निडरता का वरदान देते हैं। 'डरो मत' यह उनका गुरुमंत्र का सार है, और यही भक्तों के जीवन का मुख्य आधार है।   

II   अशक्य भी शक्य करेंगे मेरे स्वामी, यह श्रद्धा भक्तों की है सबसे कीमती। जहाँ खत्म होती है सबकी सीमा, वहाँ से शुरू होती है स्वामी महिमा।   
हिंदी अर्थ: मेरे स्वामी असंभव को भी संभव कर देंगे, यह विश्वास भक्तों के लिए सबसे अधिक मूल्यवान है। जहाँ मनुष्य की हर सीमा समाप्त हो जाती है, वहीं से स्वामी की चमत्कारिक महिमा शुरू होती है।   

III   मन की ही हैं सब ये मुश्किलें भाई, स्वामी ने यह ज्ञान की ज्योति जलाई। सकारात्मकता का बल मन में धरो, हर नकारात्मकता को दूर करो।   
हिंदी अर्थ: हे भाई! जीवन की सारी कठिनाइयाँ वास्तव में मन में ही होती हैं, स्वामी ने यह ज्ञान का प्रकाश फैलाया है। मन में सकारात्मकता की शक्ति धारण करो, और सभी नकारात्मक विचारों को दूर कर दो।   

IV   निष्काम कर्म करो, फल की न चिंता, स्वामी को है भक्तों के भाग्य की चिंता। कर्तव्य निभाना है इंसान का काम, बाकी सब सौंप दो मेरे साईं-राम।   
हिंदी अर्थ: बिना किसी इच्छा के अपना कर्म करते रहो, फल की चिंता मत करो, क्योंकि स्वामी को अपने भक्तों के भाग्य की चिंता रहती है। कर्तव्य का पालन करना मनुष्य का कार्य है, बाकी सब कुछ स्वामी को सौंप दो।   

V   गरीब को दिया दान, नाम कभी व्यर्थ न जाए, स्वामी की कृपा से हर दुख टल जाए। हर प्राणी में देखो तुम स्वामी का रूप, यह ही है भक्ति का सच्चा स्वरूप।   
हिंदी अर्थ: गरीब को दिया गया दान और स्वामी का नाम कभी बेकार नहीं जाता है, स्वामी की दया से हर कष्ट दूर हो जाता है। हर जीव में स्वामी का स्वरूप देखो, यही भक्ति का असली रूप है।   

VI   सुख-दुःख सब हैं प्रभु की इच्छा प्यारे, स्वीकार करो, डरो न तुम बेचारे। हर संकट से लड़ने की शक्ति है नाम में, विश्वास ही तो बैठा है स्वामी के धाम में।   
हिंदी अर्थ: हे प्रिय! सुख और दुःख सब भगवान की इच्छा से होते हैं, उन्हें स्वीकार करो और डरकर असहाय मत बनो। स्वामी के नाम में ही हर मुसीबत से लड़ने की शक्ति है, क्योंकि यह विश्वास ही स्वामी के पवित्र स्थान में बैठा है।   

VII   हरदे के अंदर साहिब को जिसने पाया, उसी ने तो स्वामी का रूप पहचाना। हर क्षण, हर जगह स्वामी हैं मौजूद, भक्ति में लीन रहो, रहो सदा मजबूत।   
हिंदी अर्थ: जिसने अपनी बुद्धि के अंदर (हृदय में) साहिब (ईश्वर) को पा लिया, उसी ने स्वामी के वास्तविक रूप को पहचाना। स्वामी हर पल, हर जगह मौजूद हैं, इसलिए भक्ति में लगे रहो और हमेशा मजबूत बने रहो।   

--अतुल परब
--दिनांक-09.10.2025-गुरुवार.
===========================================