"सुप्रभात, शुक्रवार मुबारक हो"-सुबह की रोशनी में खिड़की पर बारिश की बूँदें 🌅💧✨

Started by Atul Kaviraje, October 10, 2025, 04:07:15 PM

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Atul Kaviraje

"सुप्रभात, शुक्रवार मुबारक हो"

सुबह की रोशनी में खिड़की पर बारिश की बूँदें

सुबह की रोशनी में खिड़की पर बारिश की बूँदें 🌅💧✨

चरण (Charan)   हिंदी कविता (Hindi Kavita)

I   एक चाँदी की चादर, वो खिड़की का शीशा, धीरे गिरती बारिश ने जिसे धो डाला है। अंधेरा पिघला, रात भाग गयी दूर, जैसे ही सिर के ऊपर सोना (तेज) उग आया है।

II   एक छोटा दाना, एक तरल आँसू जैसा, जो लुढ़कता है, रुकता है, फिर खो जाता है। हर बूँद एक लेंस, कितनी साफ़ और चमकीली, जो सुबह के प्रकाश का एक टुकड़ा थाम लेती है।

III   सूरज की कोमल किरणें बहनी शुरू होती हैं, एक जागता संसार, एक शांत सपना लगे। वे शीशे से टकराती हैं, बूँदें जल उठती हैं, और आग सी चमकती हैं, एक इंद्रधनुषी प्रकाश जागे।

IV   वे एक दूसरे का पीछा करती हैं, तेज़ और धीमी, बहते हुए ज़िगज़ैग रेखाएँ बनाती हैं। शीशे पर ये पानी की एक दौड़, गुज़रने से पहले कुछ पल ठहर जाती हैं।

V   हीरे की चमक के अंदर का प्रकाश, एक सुनहरा, आशा से भरा किरण दिखाता है। एक शांत सुंदरता, ताज़ा और नई, नीलम, सोने और नीले रंग की छटाओं में।

VI   टप-टप की आवाज़, हल्की और मंद, एक गुप्त ताल, मीठी और धीमी। एक कोमल संगीत, शांत और गहरा, जब सारा थका हुआ शहर सोता रहता है।

VII   कृपा का संकेत, एक नई शुरुआत, प्रकाश और ओस से दुनिया फिर से ताज़ा हुई। तो गिरने दो बूँदों को, साफ़ और आज़ाद, और तुमको और मुझको नई आशा मिले।

Emoji Saransh (Emoji Summary)
🌧�💧➡️🖼�✨🌅
(Rain + Water Drop + Arrow/Flow + Window + Sparkle + Sunrise)

--अतुल परब
--दिनांक-10.10.2025-शुक्रवार.
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