आश्विन पौर्णिमा-💖भक्ति की चाँदनी रात (आश्विन पूर्णिमा) 🌙-📜✨🌕🪷💧🎶

Started by Atul Kaviraje, October 10, 2025, 04:45:58 PM

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Atul Kaviraje

आश्विन पौर्णिमा-

📅 07 अक्टूबर, 2025: आश्विन पूर्णिमा - शरत्काल की दिव्य भक्ति 🌕🪷🕉�-

💖 हिंदी कविता: भक्ति की चाँदनी रात (आश्विन पूर्णिमा) 🌙-

ईमोजी सारansh: 📜✨🌕🪷💧🎶

यह कविता एक सुंदर, अर्थपूर्ण, सीधीसादी सरल तुकबंदी के साथ, 7 चरण, प्रत्येक 4 पंक्तियों के साथ प्रस्तुत है।

प्रथम चरण
चाँद गगन में आज है पूरा,
आश्विन की यह रात है भूरा।
शरद पूर्णिमा का पावन मेला,
भक्ति रंग में रंगा हर चेला।

हिंदी अर्थ: आसमान में आज चाँद अपनी पूर्णता पर है, यह आश्विन मास की पवित्र रात है। यह शरद पूर्णिमा का पावन उत्सव है, जहाँ हर भक्त भक्ति के रंग में डूबा हुआ है।

द्वितीय चरण
क्षीर सागर से उठी हैं लहरें,
कृपा लक्ष्मी की आज है गहरे।
कोजागरी की ज्योति जगी है,
कौन है जागृत, पूछती खड़ी है।

हिंदी अर्थ: यह रात देवी लक्ष्मी की कृपा से भरी है, जैसे क्षीर सागर से लहरें उठती हैं। 'कोजागरी' (कौन जागा है) की मशाल जल रही है, देवी लक्ष्मी पूछ रही हैं कि कौन भक्ति में जाग रहा है।

तृतीय चरण
कृष्ण मुरली की धुन प्यारी,
वृंदावन में रास की तैयारी।
गोप-गोपियाँ सब हैं दीवानी,
प्रेम-भक्ति की अद्भुत कहानी।

हिंदी अर्थ: भगवान कृष्ण की बाँसुरी की धुन मीठी है, वृंदावन में महारास लीला की तैयारी है। गोपियाँ और ग्वाल बाल कृष्ण प्रेम में दीवाने हैं, यह निस्वार्थ प्रेम और भक्ति की अनुपम गाथा है।

चतुर्थ चरण
सोलह कलाओं से शशि शोभा,
अमृत वर्षा से मन है लोभा।
खीर बनाकर चाँदनी में रखें,
आरोग्य का वर हम सब चखें।

हिंदी अर्थ: चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से चमक रहा है, उसकी अमृतमयी वर्षा मन को मोह रही है। चाँदनी में खीर रखने से आरोग्य का वरदान मिलता है, जिसे हम ग्रहण करते हैं।

पंचम चरण
शांत हवा में ध्यान लगाएँ,
गुरु चरणों में शीश नवाएँ।
ज्ञान-वैराग्य की राह है सीधी,
मन की मैल आज होवे रिद्धि।

हिंदी अर्थ: शांत वातावरण में ध्यान करें और गुरु के चरणों में मस्तक झुकाएँ। ज्ञान और वैराग्य का मार्ग सीधा है, आज के दिन मन की सारी बुराइयाँ दूर हों।

षष्ठम चरण
सगुन-निर्गुण दोनों ही धारा,
बहती भक्ति की निर्मल कारा।
मीरा का प्रेम और कबीर की वाणी,
सबमें समाई एक जिंदगानी।

हिंदी अर्थ: सगुण (रूप-रंग सहित) और निर्गुण (निराकार) दोनों ही भक्ति की पवित्र धाराएँ हैं। मीराबाई का कृष्ण प्रेम और कबीरदास जी के दोहे, इन सबमें एक ही ईश्वर का जीवन समाया है।

सप्तम चरण
आज का मंगल दिन है न्यारा,
भक्ति का बहता है फव्वारा।
हर क्षण हो अब राम का सुमिरन,ओम शांति से हो जीवन पूरण।

हिंदी अर्थ: आज का मंगलवार का दिन बहुत ही विशेष है, भक्ति का झरना बह रहा है। हर पल भगवान का नाम स्मरण हो, और ओम शांति के साथ हमारा जीवन पूर्ण हो जाए।

--अतुल परब
--दिनांक-07.10.2025-मंगळवार.
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