श्री महालक्ष्मी महाप्रसाद-कोल्हापूर-'अन्नपूर्णा का आशीष' 🍚-👫🍚

Started by Atul Kaviraje, October 10, 2025, 04:57:05 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

श्री महालक्ष्मी महाप्रसाद-कोल्हापूर-

माँ महालक्ष्मी महाप्रसाद पर हिंदी कविता-

'अन्नपूर्णा का आशीष' 🍚-

चरण 1: मंगल प्रभात और तिथि का आगमन
मंगलवार है तिथि आज, शुभ 7 अक्टूबर आया।
कोजागिरी की वेला संग, नवान्न पर्व है भाया।
करवीर पीठ में गूँज उठी, माँ अंबाबाई की आरती।
जगजननी के महाप्रसाद से, हर मन की तिमिर मिटाती।

अर्थ: 7 अक्टूबर, मंगलवार की शुभ तिथि है। कोजागिरी और नवान्न पूर्णिमा का समय है। कोल्हापुर के महालक्ष्मी मंदिर में आरती की ध्वनि गूंज रही है। माँ का महाप्रसाद हर मन के अंधकार को दूर कर रहा है। (प्रतीक: 🔔🗓�)

चरण 2: मंदिर की दिव्यता और स्वरूप
स्वर्ण मुकुट और रत्न जड़ी, काली पाषाण की मूरत।
शंख, चक्र, गदा, कमल धारे, कितनी दिव्य है सूरत।
साढ़े तीन शक्तिपीठों में, यह आद्यशक्ति का वास।
यहाँ अन्नदान है महायज्ञ, पूर्ण होता हर उपवास।

अर्थ: देवी की मूर्ति काले पत्थर की है, जिस पर सोने का मुकुट और रत्न जड़े हैं। उनके चार हाथों में शंख, चक्र, गदा और कमल हैं। यह साढ़े तीन शक्तिपीठों में से एक है, जहाँ अन्नदान को महान माना जाता है। (प्रतीक: 👑🪷)

चरण 3: महाप्रसाद की पवित्रता
अन्नछत्र के पाकशाला में, सात्विक भोजन बनता है।
देवी के भोग हेतु पहला, हर निवाला छनता है।
हजारों हाथ सेवा में जुटे, निष्काम भाव की ये पूजा।
प्रेम और श्रद्धा के रंग में, रंगी हुई है हर दूजा।

अर्थ: अन्नछत्र में शुद्ध भोजन पक रहा है। यह सबसे पहले देवी के भोग के लिए समर्पित होता है। हजारों लोग निस्वार्थ भाव से सेवा कर रहे हैं। यह पूजा प्रेम और श्रद्धा से भरी है। (प्रतीक: 🍲🤝)

चरण 4: भक्ति और समानता का भाव
पंक्तिबद्ध हो भक्त खड़े, मन में लेकर आशा को।
हर चेहरे पर एक ही भाव, मिटाकर हर निराशा को।
धनवान और निर्धन बैठे, एक ही पंगत में साथ।
महाप्रसाद की महिमा देखो, थामे सबका हाथ।

अर्थ: भक्त आशा और भक्ति के साथ लाइन में खड़े हैं, सारी निराशा भूलकर। अमीर और गरीब सभी एक ही पंक्ति में बैठकर प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। यह महाप्रसाद सबको साथ लाता है। (प्रतीक: 👫🍚)

चरण 5: प्रसाद का चमत्कार और विश्वास
यह प्रसाद है शक्तिदायिनी, यह है आरोग्य का वरदान।
इसे ग्रहण कर भक्त पाएँ, सुख-समृद्धि और सम्मान।
माना यहाँ दत्तगुरु आते, करने माध्यान्ह का भोग।
हर कण में समाया रहता, सब रोगों का संजोग।

अर्थ: यह प्रसाद शक्ति और स्वास्थ्य देता है। इसे पाकर भक्त सुख, समृद्धि और सम्मान पाते हैं। माना जाता है कि स्वयं दत्तगुरु यहाँ दोपहर का भोजन करने आते हैं। इसके हर कण में रोगों को दूर करने की शक्ति है। (प्रतीक: 💪💰)

चरण 6: अन्नपूर्णा का आशीष
नव धान्य की भेंट चढ़ी है, अन्नपूर्णा का रूप।
वरदान दो माँ, घर-घर में हो, खुशहाली का धूप।
कोई न रहे भूखा जग में, यही है सबकी कामना।
नित प्रति हो कल्याण सभी का, पूर्ण हो हर शुभकामना।

अर्थ: नए अन्न की भेंट चढ़ाई गई है, क्योंकि माँ अन्नपूर्णा का स्वरूप हैं। प्रार्थना है कि माँ हर घर को खुशियों से भर दें। कोई भूखा न रहे, यह सबकी इच्छा है। सबका कल्याण हो। (प्रतीक: 🏡💖)

चरण 7: समापन और जयकार
मंगलवार की यह पावन बेला, भक्ति का है यह त्यौहार।
महाप्रसाद की जय हो सदा, जय हो माँ की जयकार।
करवीर निवासिनी अंबाबाई, तेरी महिमा है अपरम्पार।
हर भक्त पर कृपा बरसाओ, यही है हमारा पुकार।

अर्थ: मंगलवार का यह शुभ समय भक्ति का उत्सव है। महाप्रसाद और माँ महालक्ष्मी की सदा जय हो! करवीर निवासिनी अंबाबाई की महिमा अनंत है। हर भक्त पर अपनी कृपा बनाए रखना, यही हमारी प्रार्थना है। (प्रतीक: 🙏✨)

--अतुल परब
--दिनांक-07.10.2025-मंगळवार.
===========================================