मैदान में भूमिपूजन समारोह: आस्था, संकल्प और प्रकृति का आह्वान-'सृजन का शुभ संकल्

Started by Atul Kaviraje, October 10, 2025, 05:19:59 PM

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Atul Kaviraje

मैदान में भूमिपूजन समारोह-

मैदान में भूमिपूजन समारोह: आस्था, संकल्प और प्रकृति का आह्वान-

मैदान के भूमिपूजन पर हिंदी कविता-

'सृजन का शुभ संकल्प' 🕉�

चरण 1: आज शुभ दिन, शुभ मुहूर्त आया
आज शुभ दिन, शुभ मुहूर्त आया, मन में भक्ति का भाव समाया।
मैदान में पूजन की वेदी सजी है, धरती माँ को नमन करने की घड़ी है।
घंटी बजे, शंखनाद गूँजे, वातावरण पवित्र हुआ।
हर मन में निर्माण का, शुभ संकल्प उदित हुआ।

अर्थ: आज शुभ दिन और शुभ समय आया है, मन में भक्ति का भाव भरा है। मैदान में पूजा के लिए वेदी सजी है और धरती माँ को प्रणाम करने का समय है। घंटी और शंख की ध्वनि से वातावरण शुद्ध हो गया है। हर व्यक्ति के मन में निर्माण का शुभ संकल्प जागा है। (प्रतीक: 🔔✨)

चरण 2: गणपति का आह्वान, कलश की स्थापना
रिद्धि सिद्धि संग, गणपति का आह्वान, दूर हो सब विघ्न, हो शुभ कल्याण।
कलश में गंगाजल भरा, ब्रह्मांड का प्रतीक बना।
वास्तु पुरुष से माँगी अनुमति, ताकि कार्य सिद्ध हो अपना।

अर्थ: रिद्धि और सिद्धि के साथ गणेश जी को बुलाया गया है, ताकि सभी बाधाएँ दूर हों और हमारा कल्याण हो। कलश में गंगाजल भरकर ब्रह्मांड का प्रतीक स्थापित किया गया है। वास्तु पुरुष से अनुमति माँगी गई है ताकि हमारा निर्माण कार्य सफल हो। (प्रतीक: 🐘🏺)

चरण 3: पंच तत्वों का ध्यान, माँ भूमि का मान
हवन कुंड में अग्नि जली, पवित्रता का ताप बढ़ा।
पंच तत्वों का ध्यान किया, माँ भूमि का सम्मान बढ़ा।
कोमल हाथ से भूमि को, रोली चंदन लगाया।
मिट्टी माँ से हमने, क्षमा का आशीष पाया।

अर्थ: हवन कुंड में अग्नि प्रज्वलित हुई, जिससे पवित्रता की ऊष्मा बढ़ी। पाँच तत्वों का ध्यान किया गया और धरती माँ का सम्मान बढ़ाया गया। कोमल हाथों से भूमि को रोली (कुमकुम) और चंदन लगाया गया। हमने मिट्टी माँ से खुदाई के लिए क्षमा का आशीर्वाद माँगा। (प्रतीक: 🔥🌏)

चरण 4: नींव में रखा रत्न, दृढ़ हुआ विश्वास
शुभ मुहूर्त में नींव की, पहली ईंट रखी गई।
चाँदी के नाग-नागिन संग, पंचरत्न भी रखे गए।
यह केवल ईंट नहीं, यह दृढ़ विश्वास है हमारा।
संकल्प की शक्ति से, निर्माण होगा न्यारा।

अर्थ: शुभ समय में नींव की पहली ईंट रखी गई। चाँदी के नाग-नागिन के साथ पंचरत्न (पाँच बहुमूल्य धातु) भी रखे गए। यह सिर्फ एक ईंट नहीं, बल्कि हमारा अटूट विश्वास है। संकल्प की शक्ति से हमारा यह निर्माण अद्भुत होगा। (प्रतीक: 🧱💎)

चरण 5: श्रम और सहयोग की भावना
हाथ मिलाए सभी ने, एक सूत्र में बँध गए।
जाति धर्म से ऊपर उठकर, प्रेम से सब खड़े हो गए।
श्रम करने वाले हर कारीगर का, सम्मान हुआ आज।
मिलकर पूरा करना है, यह सामाजिक काज।

अर्थ: सभी लोगों ने एक दूसरे से हाथ मिलाया और एकता के सूत्र में बंध गए। जाति और धर्म से ऊपर उठकर सभी प्रेम से खड़े हुए। श्रम करने वाले हर कारीगर का आज सम्मान किया गया। हम सबको मिलकर इस सामाजिक कार्य को पूरा करना है। (प्रतीक: 🤝👷)

चरण 6: प्रकृति का भी है यह ध्यान
वृक्षारोपण का संकल्प, जल संरक्षण का ज्ञान।
प्रकृति का भी हो सम्मान, यह पूजा का विधान।
जो भी बने इस मैदान में, वह सबको सुख दे।
पर्यावरण का ध्यान रखे, और सबको खुशी दे।

अर्थ: हमने वृक्षारोपण करने और जल बचाने का संकल्प लिया है। प्रकृति का भी सम्मान हो, यही पूजा का नियम है। जो भी भवन इस मैदान पर बनेगा, वह सबको सुख देगा। यह निर्माण पर्यावरण का ध्यान रखेगा और सबको आनंद देगा। (प्रतीक: 🌳💧)

चरण 7: संपन्न हुआ समारोह, मंगल हो हर ओर
हवन पूरा हुआ, आरती गाई गई, प्रसाद वितरण हुआ।
ईश्वर की कृपा से, हर संकल्प सफल हुआ।
भूमिपूजन का अर्थ है, सृजन की शुभ शुरुआत।
मंगल हो हर ओर, रहे ईश्वर का साथ।

अर्थ: हवन समाप्त हुआ, आरती गाई गई और प्रसाद बाँटा गया। ईश्वर की दया से हर संकल्प सफल हुआ है। भूमिपूजन का अर्थ है, निर्माण की एक शुभ शुरुआत। हर तरफ मंगल हो और हमें ईश्वर का साथ मिलता रहे। (प्रतीक: 🎉🙏)

--अतुल परब
--दिनांक-08.10.2025-बुधवार.
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