"शुभ रात्रि, शुक्रवार मुबारक हो"-एक पुराने लकड़ी के पुल पर चमकता चाँद 🌕🌉🪵🌕🌉

Started by Atul Kaviraje, October 10, 2025, 10:43:27 PM

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Atul Kaviraje

"शुभ रात्रि, शुक्रवार मुबारक हो"

एक पुराने लकड़ी के पुल पर चमकता चाँद

एक पुराने लकड़ी के पुल पर चमकता चाँद 🌕🌉🪵

चरण (Charan)   हिंदी कविता (Hindi Kavita)

I   चाँद ऊँचा चढ़ता है, एक चाँदी की थाली, दुनिया को नरम और देर से होता देखने। उसकी चमक के नीचे, जहाँ पानी बहता है, खड़ा है पुराना पुल, घिसा-पिटा और धीमा।

II   लकड़ी के तख़्ते, पंक्तियों में निर्धारित, मानव जाति की कहानियों से उकेरे गए हैं। उन कदमों की जो उन पर रोज़ चलते थे, अब चाँद की कोमल किरण से चमकीले हो गए हैं।

III   नदी बहती है मखमली काले रंग में, अपने रास्ते पर कभी न मुड़ती। यह चाँद को थामे है, एक दूसरा गोला, एक शांत साथी, पास में थामे हुए।

IV   खंभों और रेलिंग द्वारा डाली गई परछाइयाँ, लंबी और अँधेरी हैं, एक भूतिया निशान। वे चाँद के धीमी गति से मुड़ने के साथ फैलती और डोलती हैं, प्रकाश के वे सबक जो लकड़ी को सीखने हैं।

V   एक कोमल चरमराहट, एक फुसफुसाई हुई आह, जैसे आधी रात के पल गुज़र जाते हैं। पुल पुराना है, लेकिन अपनी जगह पर डटा है, जहाँ केवल इतिहास पाया जा सकता है।

VI   तारे अनंत अंतरिक्ष से नीचे देखते हैं, इस शांत, अकेली जगह पर। पुल और चाँद, शांत विश्वास में, गिरे हुए संसार को धूल में लौटा देते हैं।

VII   तो प्रकाश और उदासी के मार्ग को पार करो, और इस चाँदी के कमरे में शांति पाओ। क्योंकि प्रकाश और लकड़ी, और धरती और धारा, मिलकर एक कालातीत सपना बनाते हैं।

Emoji Saransh (Emoji Summary)
🌕🌉🪵🌊🤫
(Full Moon + Bridge + Wood + Water/River + Silence)

--अतुल परब
--दिनांक-10.10.2025-शुक्रवार.
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