शिरडी के साईं बाबा: श्रद्धा, सबूरी और मानवता की एकता का संदेश।-2-🙏🤲🕊️

Started by Atul Kaviraje, October 11, 2025, 10:52:30 AM

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Atul Kaviraje

श्री साईं बाबा और उनका सामाजिक संदेश
(श्री साईं बाबा का सामाजिक संदेश)
(Shri Sai Baba's Social Message)
Shri Saibaba and his social message

थीम: शिरडी के साईं बाबा: श्रद्धा, सबूरी और मानवता की एकता का संदेश।

6. माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान 👨�👩�👧�👦
आशीर्वाद की महत्ता: साईं बाबा ने सदैव माता-पिता, बुजुर्गों, गुरुजनों और बड़ों का सम्मान करने की सीख दी (Result 2.1)।

मुश्किलों का हल: उनका मानना था कि ऐसा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन की मुश्किलें आसान हो जाती हैं (Result 2.1)।

7. बांटने और साझा करने का महत्व (सहयोग) 🤝
दान की महिमा: उन्होंने दान और साझा करने को प्रोत्साहित किया (Result 3.3)। उनका कहना था कि दान करने से धन घटता नहीं (Result 1.3)।

पारस्परिक सहायता: साईं ने सदा प्रयास किया कि लोग जीवन की छोटी-छोटी समस्याओं में एक-दूसरे की सहायता करें और आपसी सद्भावना से रहें (Result 2.1)।

8. नारी शक्ति और सम्मान (लिंग समानता) ♀️
स्त्री का महत्व: साईं बाबा ने समाज को कन्या के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि पुरुष यह भूल गया है कि स्त्री के बिना वह अधूरा है और उसे जन्म देने वाली स्त्री ही है (Result 4.1)।

सम्मान और शिक्षा: उन्होंने बेटी को प्यार, ममता, सम्मान और शिक्षा देने पर जोर दिया, क्योंकि यह विचारधारा बदलना आवश्यक है (Result 4.1)।

9. भौतिकवाद से विरक्ति (संतोष) 🧘
संसार में रहो, संसार को अपने में नहीं: बाबा सिखाते थे कि सांसारिक चीजों और कार्यों से मत जुड़ो। दुनिया में रहो, लेकिन दुनिया को अपने अंदर मत रहने दो (Result 1.1)।

असली सुख: उन्होंने बताया कि असली सुख दूसरों को सुख देने में और सच्चा सुख प्रभु भक्ति में है (Result 2.4)।

10. वसुधैव कुटुंबकम् (विश्व बंधुत्व) 🌎
आत्मीयता का भाव: साईं बाबा ने हर प्राणी का उचित आदर-सत्कार करने को कहा, चाहे वे मनुष्य हों या प्राणी (Result 1.4, 3.3)।

एकजुटता और उन्नति: उनके शिष्य उनके उपदेशों को 'वसुधैव कुटुंबकम्' की जीती-जागती मिसाल मानते थे, जहाँ एकता और एकजुटता से समाज उन्नति करता है (Result 4.4)।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-09.10.2025-गुरुवार.
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