आश्विन पूर्णिमा - शरत्काल की दिव्य भक्ति 🌕🪷🕉️-2-💖🙏✨🍂🌙💧

Started by Atul Kaviraje, October 11, 2025, 11:00:12 AM

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Atul Kaviraje

आश्विन पौर्णिमा-

📅 07 अक्टूबर, 2025: आश्विन पूर्णिमा - शरत्काल की दिव्य भक्ति 🌕🪷🕉�-

6. ज्ञान और ध्यान का महत्व 🧘�♀️
6.1. ध्यान की गहराई: पूर्णिमा की ऊर्जा ध्यान को अधिक गहरा और प्रभावी बनाती है।

6.2. सद्गुरु का पूजन: कई परंपराओं में इस दिन सद्गुरु का पूजन कर उनसे ज्ञान प्राप्त किया जाता है।

7. उपवास और सात्विक भोजन 🍎
7.1. उपवास का उद्देश्य: उपवास शरीर को शुद्ध करता है और मन को आध्यात्मिक चिंतन के लिए तैयार करता है।

7.2. सात्विक आहार: सात्विक और हल्का भोजन, जैसे फल, दूध और खीर, इस दिन विशेष रूप से ग्रहण किए जाते हैं।

8. सामाजिक और सामुदायिक भक्ति पर्व 🎉
8.1. सामूहिक उत्सव: मंदिरों में कीर्तन, भजन-गायन और सामूहिक पूजा का आयोजन होता है, जिससे सामुदायिक भक्ति का संचार होता है।

8.2. लोक-नृत्य: कई क्षेत्रों में रास लीला पर आधारित गरबा और लोक-नृत्य का आयोजन भी होता है।

9. भक्ति मार्ग के उदाहरण (सगुन और निर्गुण) 🙏
9.1. सगुण भक्ति: मीराबाई का कृष्ण प्रेम, जो रास पूर्णिमा के भाव से मेल खाता है (भाव-विभोर प्रेम)।

9.2. निर्गुण भक्ति: कबीर दास का ईश्वरीय प्रेम, जो निराकार परमात्मा से योग स्थापित करता है (ध्यान और वैराग्य)।

10. शरत्काल का सौंदर्य और प्रकृति से जुड़ाव 🍂
10.1. प्रकृति की सुंदरता: शरद ऋतु में आकाश साफ होता है और प्रकृति शांत व स्वच्छ दिखती है, जो भक्ति के लिए आदर्श वातावरण है।

10.2. चंद्र दर्शन: इस रात चंद्रमा का दर्शन मात्र ही सुखद और आध्यात्मिक शांति देने वाला होता है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-07.10.2025-मंगळवार.
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