सुकोथ-ज्यू-सुकोथ - आस्था और आश्रय का पर्व 🇮🇱🙏-1-

Started by Atul Kaviraje, October 11, 2025, 11:09:46 AM

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Atul Kaviraje

सुकोथ-ज्यू-

भक्ति-भावपूर्ण लेख: सुकोथ - आस्था और आश्रय का पर्व 🇮🇱🙏-

दिनांक: 07 अक्टूबर, 2025 - मंगलवार (15 तिश्रेई, 5786)
पर्व: सुकोथ (झोपड़ियों/तंबूओं का पर्व) - यहूदी त्योहार का पहला दिन

सुकोथ (Sukkot), जिसे 'झोपड़ियों का पर्व' या 'तंबूओं का पर्व' भी कहा जाता है, यहूदी धर्म के तीन प्रमुख तीर्थ त्योहारों में से एक है, जिसे 'ज़मान सिम्हातेनु' यानी 'हमारे आनंद का समय' के रूप में जाना जाता है। यह पर्व यहूदी कैलेंडर के सातवें महीने 'तिश्रेई' की 15वीं तारीख को शुरू होता है, जो 07 अक्टूबर 2025 को है। यह सात दिनों तक चलता है और परमेश्वर पर अटूट विश्वास, सुरक्षा और प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का एक सुंदर माध्यम है।

10 प्रमुख बिंदु और विवेचनात्मक विस्तार:

1. त्योहार का ऐतिहासिक महत्व (Historical Significance) 📜
सुकोथ का मूल बाइबिल में है, जो दो प्रमुख ऐतिहासिक घटनाओं को याद दिलाता है।

1.1. 40 वर्ष का रेगिस्तानी सफर: यह त्योहार उस समय को याद करता है जब इस्राएल के लोगों ने मिस्र की गुलामी से मुक्त होने के बाद 40 वर्षों तक रेगिस्तान में अस्थायी झोपड़ियों (सुकाह) में जीवन बिताया था। यह उनकी विनम्रता, परमेश्वर पर निर्भरता और उनकी दिव्य सुरक्षा (मेघों के बादल) को दर्शाता है।

उदाहरण: प्राचीन इस्राएली लोग अपनी यात्रा के दौरान भौतिक घर नहीं बना सकते थे, इसलिए वे अस्थायी आश्रय में रहते थे, जो उन्हें सिखाता था कि उनका सच्चा घर और सुरक्षा परमेश्वर में है।

1.2. फसल कटाई का पर्व: यह कृषि चक्र के अंत को भी चिह्नित करता है, जब किसान अपनी अंतिम फसलें एकत्र करते थे। इसलिए इसे 'इंगैदरिंग का पर्व' (Chag HaAsif) भी कहा जाता है, जो पृथ्वी के आशीर्वाद के लिए कृतज्ञता का प्रतीक है।

2. 'सुकाह' का निर्माण और आश्रय (The Sukka - Booth/Tabernacle) 🛖
सुकोथ का सबसे केंद्रीय अनुष्ठान 'सुकाह' (Sukkah, बहुवचन: सुकोथ) नामक एक अस्थायी झोपड़ी में रहना है।

2.1. सुकाह की संरचना: सुकाह की दीवारें किसी भी सामग्री से बन सकती हैं, लेकिन इसकी छत, जिसे 'स्खाख' (S'chach) कहते हैं, कार्बनिक सामग्री (जैसे बाँस, पत्ते या शाखाएँ) से बनी होनी चाहिए, ताकि रात में तारे दिखाई दें और दिन में हल्की छाया रहे।

2.2. आश्रय का आध्यात्मिक अर्थ: सुकाह की अस्थिर प्रकृति हमें सिखाती है कि जीवन में भौतिक संपत्ति और स्थायी घर क्षणभंगुर हैं। हमें अपनी सुरक्षा पर गर्व नहीं करना चाहिए, बल्कि परमेश्वर की दया और सुरक्षा पर निर्भर रहना चाहिए।

प्रतीक: झोपड़ी (सुकाह) 🛖, अस्थिरता।

3. चार प्रजातियाँ (The Four Kinds - Arba Minim) 🌿🍋
सुकोथ के दौरान, विशेष रूप से पुरुष, चार विभिन्न पौधों की प्रजातियों को एक साथ पकड़ते हैं और हिलाते हैं (वेविंग)।

3.1. चार प्रजातियाँ: ये हैं: एट्रोग (Etrog - सिट्रोन फल 🍋), लूलाव (Lulav - ताड़ का पत्ता 🌴), हादस्सिम (Hadassim - मर्टल टहनी), और अरावोत (Aravot - विलो टहनी)।

3.2. एकता का प्रतीक: ये चारों प्रजातियाँ यहूदी लोगों के विभिन्न प्रकारों का प्रतिनिधित्व करती हैं। इन्हें एक साथ पकड़कर हिलाना, यहूदी समुदाय की एकता और परमेश्वर के सामने उनकी सामूहिक प्रार्थना को दर्शाता है।

प्रतीक: एट्रोग (स्वाद और सुगंध), लूलाव (स्वाद नहीं, सुगंध), हादस्सिम (सुगंध, स्वाद नहीं), अरावोत (न स्वाद, न सुगंध)।

4. आनंद का समय (Zman Simchateinu) 🎉
सुकोथ को विशेष रूप से 'ज़मान सिम्हातेनु' के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है 'हमारे आनंद का समय'।

4.1. आनंद का कारण: यह आनंद दो बातों से उपजा है: पहला, यम किप्पुर (प्रायश्चित का दिन) पर पापों की क्षमा प्राप्त करना; और दूसरा, फसल की कटाई और परमेश्वर के आशीर्वाद का एहसास करना।

4.2. खुशी का आदेश: तोराह (बाइबिल) में विशेष रूप से आदेश दिया गया है कि इस पर्व पर आनन्दित हों, जो प्रायश्चित के बाद एक नई शुरुआत का प्रतीक है।

5. अतिथियों का स्वागत (Ushpizin) 🤝
सुकोथ के दौरान, एक विशेष प्रथा 'उश्पीज़िन' (Ushpizin, मेहमान) की है, जिसका अर्थ है सुकाह में पवित्र, अनदेखे मेहमानों का स्वागत करना।

5.1. अतिथि परंपरा: पारंपरिक रूप से, हर रात एक अलग बाइबिल के व्यक्तित्व (जैसे अब्राहम, इसहाक, याकूब, मूसा, हारून, योसेफ और डेविड) को सुकाह में प्रतीकात्मक रूप से आमंत्रित किया जाता है।

5.2. मानव-सेवा: यह परंपरा हमें सिखाती है कि हम केवल आध्यात्मिक मेहमानों का ही नहीं, बल्कि वास्तविक जीवन में भी ज़रूरतमंदों और मित्रों का अपनी सुकाह में स्वागत करें, सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा दें।

ईमोजी सारांश:
झोपड़ियों का पर्व 🛖🙏 सुकोथ 07 अक्टूबर 2025 📅। रेगिस्तान की याद 🐪, ईश्वरीय सुरक्षा ☁️ और कृषि का आभार 🌾 को दर्शाता है। चार प्रजातियाँ 🌿🍋 एकता का प्रतीक हैं और सुकाह में अतिथि 👨�👩�👧�👦 विनम्रता 🧘 सिखाती है। होशाना रब्बा 💧 के बाद, शिमनी अत्ज़ेरेट/सिमचास तोराह 🥳 ज्ञान और आनंद को जारी रखता है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-07.10.2025-मंगळवार.
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