दसरा महोत्सव-पेडणे-गोवा-2-✨🙏

Started by Atul Kaviraje, October 11, 2025, 11:15:03 AM

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Atul Kaviraje

दसरा महोत्सव-पेडणे-गोवा-

2025 में दशहरा (विजयदशमी) 02 अक्टूबर, गुरुवार को है। हालांकि, पेडणे का दशहरा उत्सव, जिसे स्थानीय रूप से 'पेडणेची पूनव' या 'दासरो' कहा जाता है, दशहरा के बाद कोजागिरी पूर्णिमा (आमतौर पर दशहरे के 5-6 दिन बाद) तक चलता है। 07 अक्टूबर 2025 (मंगलवार) की तारीख संभवतः कोजागिरी पूर्णिमा के आसपास की है, जब उत्सव चरम पर होता है और पुलिस बल की तैनाती 3 से 8 अक्टूबर तक की जाती है (स्रोत 2.7)। यह लेख पेडणे के अद्वितीय दसरा उत्सव और उसकी परंपराओं पर केंद्रित है।

भक्ति-भावपूर्ण लेख: पेडणे दसरा महोत्सव - गोवा - परंपरा, लोकदेवता और कोकणी संस्कृति का अनूठा संगम ✨🙏-

6. मानव बलिदान का प्रतीकात्मक विकल्प (Symbolic Substitute for Human Sacrifice) 🗡�
पेडणे और आसपास के क्षेत्रों में दशहरे पर एक विशेष और गंभीर अनुष्ठान किया जाता है।

6.1. राख कद्दू की बलि: अतीत में लोक देवताओं को खुश करने के लिए मानव बलिदान की प्रथा थी (जिसे पुर्तगाली शासन ने प्रतिबंधित कर दिया था)। आज, इसका प्रतीकात्मक विकल्प राख कद्दू (Ash Gourd - पेठा) काटकर किया जाता है।

उदाहरण: नाइक समुदाय का एक व्यक्ति अपने पेट पर राख कद्दू रखता है, और एक 'मडवाल' समुदाय का मुखिया उसे दो हिस्सों में काटता है, जो पिछले बलिदानों के प्रति सम्मान व्यक्त करता है।

7. 'आपटे' के पत्ते: सोने का आदान-प्रदान (Apte Leaves: Exchange of Gold) 🪙
यह परंपरा देश के अन्य हिस्सों में भी मनाई जाती है, जिसे गोआ में 'भांगर लुटप' (सोना लूटना) कहा जाता है।

7.1. सीमोल्लंघन: विजयदशमी की रात, लोग आपटे (Apta) के पत्तों (Bauhinia Racemosa) का आदान-प्रदान करते हैं, जिसे सोने का प्रतीक माना जाता है।

प्रतीक: आपटे के पत्ते 🌿, सोने के सिक्के 🟡।

7.2. शुभ शुरुआत: यह रिवाज समृद्धि, शुभकामनाओं और एक नए, सफल वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है।

8. लोकनृत्य और संगीत: गोंधळ (Folk Dance and Music: Gondhol) 🎶
उत्सव में कोंकणी लोक कलाओं का प्रदर्शन किया जाता है।

8.1. गोंधळ: रात में, देवी की स्तुति में पारंपरिक 'गोंधळ' नृत्य आयोजित किया जाता है। यह एक ऊर्जावान प्रदर्शन है जो ढोल और ताशे की धड़कन पर होता है।

8.2. डहागर और गारणे: अन्य स्थानीय लोकनृत्य और संगीत रूप भी प्रस्तुत किए जाते हैं, जो गोवा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं।

प्रतीक: ढोल 🥁, नर्तक 💃।

9. तीर्थयात्रियों की भीड़ और सुरक्षा व्यवस्था (Crowds and Security Arrangements) 👮�♀️
पेडणे का दशहरा एक विशाल जनसमागम होता है, खासकर महाराष्ट्र और कर्नाटक के सीमावर्ती क्षेत्रों से।

9.1. सुरक्षा और व्यवस्थापन: 07 अक्टूबर के आसपास, भारी भीड़ को देखते हुए, यातायात नियंत्रण और सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर पुलिस बल तैनात किया जाता है।

9.2. अंतर-राज्यीय महत्व: गोवा के स्थानीय लोगों के साथ-साथ, महाराष्ट्र और कर्नाटक से लाखों की संख्या में भक्तगण यहाँ के देवताओं के दर्शन और 'कौल' प्राप्त करने के लिए आते हैं।

10. आध्यात्मिक आशय और सांस्कृतिक लचीलापन (Spiritual Intent and Cultural Resilience) 🛡�
पेडणे का दसरा गोवा की सांस्कृतिक पहचान और लचीलेपन का प्रतीक है।

10.1. औपनिवेशिक प्रभाव से मुक्ति: पुर्तगाली शासन के दौरान कई मंदिर नष्ट कर दिए गए या अनुष्ठान बंद कर दिए गए, लेकिन पेडणे के इस उत्सव ने अपनी विशिष्ट परंपराओं को आज तक जीवित रखा है, जो गोवा की सांस्कृतिक जड़ता को दर्शाता है।

10.2. आस्था की विजय: यह उत्सव बुराई पर अच्छाई, अंधकार पर प्रकाश और निराशा पर अटूट आस्था की विजय का संदेश देता है।

ईमोजी सारांश:
पेडणे दसरा महोत्सव ✨ गोवा 🚩 07 अक्टूबर 2025 📅। लोकदेवता 🔱 भगवती, रावलनाथ, भूतनाथ की पूजा। 'तरंग' 🌈 की शोभायात्रा, शिवलग्न 💑 और सामुदायिक 'पावनर' 🍲 महाभोज। आपटे के पत्ते 🌿 (सोना) और गोंधळ नृत्य 🥁। परंपरा और एकता 🤝 की भव्य विजय।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-07.10.2025-मंगळवार.
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