श्री महालक्ष्मी महाप्रसाद-कोल्हापूर-1-🗓️🌕 → कोल्हापुर मंदिर: 🏛️🔱 → महाप्रसाद

Started by Atul Kaviraje, October 11, 2025, 11:19:23 AM

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Atul Kaviraje

श्री महालक्ष्मी महाप्रसाद-कोल्हापूर-

07 अक्टूबर, 2025 को कोजागिरी पूर्णिमा का पावन पर्व पड़ रहा है, जो कि कोल्हापुर की श्री महालक्ष्मी (अंबाबाई) मंदिर में महाप्रसाद के लिए एक विशेष दिन होता है (चूँकि पूर्णिमा तिथि 7 अक्टूबर 2025 को सुबह 9:16 बजे तक ही है, इसलिए यह विशेष उत्सव पूर्व संध्या 6 अक्टूबर की रात्रि और 7 अक्टूबर की सुबह से जुड़ा होगा, और 7 अक्टूबर को नवान्न पूर्णिमा भी है, जिसके अवसर पर महाप्रसाद आयोजित होता है)।

माँ महालक्ष्मी का पावन महाप्रसाद: 07 अक्टूबर, 2025 (कोजागिरी/नवान्न पूर्णिमा)
कोल्हापुर की करवीर निवासिनी, श्री अंबाबाई के चरणों में भक्ति का समर्पण
दिनांक: मंगलवार, 07 अक्टूबर, 2025
पर्व: नवान्न पूर्णिमा (नवरात्रोत्सव की सांगता के उपलक्ष्य में महाप्रसाद) / कोजागिरी पूर्णिमा
स्थल: श्री महालक्ष्मी (अंबाबाई) मंदिर, कोल्हापुर, महाराष्ट्र
प्रतीक: 🔱 (त्रिशूल) 🙏 (आशीर्वाद) 🍚 (महाप्रसाद) 🌙 (चंद्रमा) ✨ (दिव्यता)

1. महाप्रसाद का आध्यात्मिक महत्व (Spiritual Significance) ✨
महाप्रसाद केवल भोजन नहीं, बल्कि परमात्मा का आशीर्वाद है। यह वह पवित्र भोग है जो सर्वप्रथम देवी को समर्पित किया जाता है और फिर भक्तों में वितरित होता है।

1.1. भगवत प्रेम की अभिव्यक्ति: यह भक्तों के लिए अपनी भक्ति और कृतज्ञता व्यक्त करने का माध्यम है। देवी को भोग लगाना और फिर उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करना, जीवन को उनकी कृपा से भरा हुआ मानना है।

1.2. पवित्रता और शुद्धि: इसे ग्रहण करने से शारीरिक और मानसिक अशुद्धियाँ दूर होती हैं। यह भक्त को आंतरिक रूप से शुद्ध करता है।

2. कोल्हापुर महालक्ष्मी मंदिर का परिचय (Introduction to the Temple) 🔱
कोल्हापुर स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर साढ़े तीन शक्तिपीठों में से एक है और इसे 'दक्षिण काशी' के नाम से भी जाना जाता है।

2.1. शक्तिपीठ का गौरव: यह वह स्थान है जहाँ सती माता का एक अंग गिरा था। देवी यहाँ करवीर निवासिनी अंबाबाई के रूप में पूजी जाती हैं, जो धन, समृद्धि और मोक्ष प्रदान करती हैं।

2.2. देवी स्वरूप: गर्भगृह में माँ महालक्ष्मी की काले पत्थर की सुंदर मूर्ति स्थापित है, जिनके चार हाथों में शंख, चक्र, गदा और कमल सुशोभित हैं। (प्रतीक: 🐚 🪷)

3. 07 अक्टूबर, 2025 का विशेष योग (The Special Date) 🌙
07 अक्टूबर, 2025 को नवान्न पूर्णिमा का विशेष अवसर है, जो इस महाप्रसाद को और भी विशिष्ट बनाता है।

3.1. नवान्न पूर्णिमा का आयोजन: नवरात्रोत्सव के समापन के उपलक्ष्य में, इस दिन नवान्न (नए अन्न) के रूप में महाप्रसाद का आयोजन किया जाता है। यह फसल की कटाई और अन्न की देवी के प्रति आभार व्यक्त करने का पर्व है।

3.2. कोजागिरी पूर्णिमा का प्रभाव: पूर्णिमा तिथि का एक भाग 7 अक्टूबर की सुबह तक है। यह वह रात होती है जब माना जाता है कि माँ लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं, इसलिए इस दिन के प्रसाद को ग्रहण करना धन और सौभाग्य को आकर्षित करता है। (प्रतीक: 💰)

4. महाप्रसाद की तैयारी और समर्पण (Preparation and Dedication) 🍲
महाप्रसाद की तैयारी एक विशाल यज्ञ के समान होती है, जिसमें हजारों भक्त और स्वयंसेवक शामिल होते हैं।

4.1. सामूहिक सेवा (अन्नछत्र): श्री महालक्ष्मी अन्नछत्र सेवा ट्रस्ट जैसी संस्थाएँ इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हजारों भक्तों के लिए भोजन पकाया जाता है। सेवाभाव ही इस महाप्रसाद का मूल मंत्र है।

4.2. भोग और नैवेद्य: भोग शुद्ध, सात्विक और पारंपरिक मराठी व्यंजनों पर आधारित होता है। यह भोजन सबसे पहले वैदिक मंत्रों और पूजा के साथ देवी को नैवेद्य के रूप में समर्पित किया जाता है।

5. महाप्रसाद वितरण का भव्य दृश्य (The Grand Distribution) 🥳
महाप्रसाद वितरण का दृश्य भक्ति, अनुशासन और सेवा का अद्भुत संगम होता है।

5.1. विशाल मंडप: भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में विशाल पत्र्याचा मंडप (टीन का मंडप) लगाया जाता है, जहाँ लाखों भक्त पंक्तिबद्ध होकर प्रसाद ग्रहण करते हैं।

5.2. सह-अस्तित्व का अनुभव: अमीर-गरीब, ऊँच-नीच का भेद मिटाकर सभी एक साथ बैठकर भोजन करते हैं। यह समानता और बंधुत्व का सच्चा उदाहरण है।

EMOJI सारांश (Emoji Summary)
07 अक्टूबर, 2025 (नवान्न/कोजागिरी पूर्णिमा): 🗓�🌕 → कोल्हापुर मंदिर: 🏛�🔱 → महाप्रसाद: 🍚🥄 → भक्ति/सेवा: 🙏🤝 → फल: 💰😊

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-07.10.2025-मंगळवार.
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