देवी लक्ष्मी और 'सम्पति साधना' का दर्शन-2-🗝️🙏

Started by Atul Kaviraje, October 12, 2025, 04:49:59 PM

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Atul Kaviraje

देवी लक्ष्मी और 'सम्पति साधना' का दर्शन -
(देवी लक्ष्मी के माध्यम से धन साधना का दर्शन)
(The Philosophy of Wealth Practices through Goddess Lakshmi)
Goddess Lakshmi and the philosophy of 'Sampti Sadhana'-

देवी लक्ष्मी और 'सम्पति साधना' का दर्शन-
(The Philosophy of Wealth Practices through Goddess Lakshmi)

6. बीजा मंत्र और साधना विधि
मूल मंत्र: माँ लक्ष्मी का मूल बीजा मंत्र है: "ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः"।

विधि: इस मंत्र का जाप स्फटिक माला से, विशेषकर शुक्रवार को, करने से आर्थिक उन्नति होती है।

7. ज्ञान (विद्या) की सम्पत्ति का महत्त्व
बुद्धि का धन: विद्या लक्ष्मी सबसे महत्वपूर्ण है। यह साधना हमें सिखाती है कि निवेश (Investment) करने से पहले ज्ञान और विवेक का उपयोग करना चाहिए।

उदा. सही निर्णय: ज्ञान व्यक्ति को सही व्यावसायिक और आर्थिक निर्णय लेने में मदद करता है।

8. कृतज्ञता और सकारात्मकता (Gratitude and Positivity)
कृतज्ञता: जो कुछ भी प्राप्त है, उसके लिए कृतज्ञता (Thankfulness) का भाव रखना। शिकायत करने वाला मन लक्ष्मी को दूर रखता है।

उदा. सायं प्रार्थना: प्रतिदिन शाम को माँ लक्ष्मी के सामने दीप जलाकर धन के आगमन और उपयोग के लिए धन्यवाद देना।

9. बचत और भविष्य की योजना (Saving and Future Planning)
संचय: सम्पत्ति साधना यह नहीं कहती कि धन खर्च न करें, बल्कि यह बचत (Saving) और भविष्य की योजना बनाने के महत्त्व पर ज़ोर देती है, ताकि बुरे समय में सहारे की आवश्यकता न हो।

स्थिरता: एक स्थिर आर्थिक नींव मानसिक शांति प्रदान करती है, जो अपने आप में एक बड़ी सम्पत्ति है।

10. भक्ति और समर्पण की पराकाष्ठा
समर्पण: अंततः, सम्पूर्ण सम्पत्ति को माँ लक्ष्मी के चरणों में समर्पित करके, उसे लोकोपकार के लिए उपयोग करना ही इस साधना का चरम लक्ष्य है।

दर्शन: यह दर्शन सिखाता है कि धन स्वामी नहीं, बल्कि साधक बनना है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-10.10.2025-शुक्रवार.
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