💎 भगवान विष्णु का जीवन, कर्तव्य और कर्म- - भक्ति कविता 🌺💎 🌊 🐍 ⭕ 💖 🔱 🐘

Started by Atul Kaviraje, November 19, 2025, 07:23:55 PM

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Atul Kaviraje

विष्णु जीवनधर्म एवं कर्म-
विष्णु के जीवन के कर्तव्य और कार्य-
(Vishnu's Life's Duty and Actions)
Vishnu's life, religion and actions-

💎 भगवान विष्णु का जीवन, कर्तव्य और कर्म-

- भक्ति कविता 🌺

1. ब्रह्मांड के पालनहार, शांति के प्रतीक

ब्रह्मांड के पालनहार 💎, विष्णु उनका नाम है,
क्षीरसागर 🌊 पर शयन करते हुए, शेषनाग के निवास स्थान,
संसार को शांति प्रदान करना, यही उनका जीवन-कार्य है,
नारायण का स्वरूप, यही जगत का धर्म है।

अर्थ: भगवान विष्णु ब्रह्मांड के पालनहार हैं। वे शेषनाग (सर्प) पर क्षीरसागर पर शयन करते हैं। संसार में शांति और व्यवस्था बनाए रखना उनका मुख्य कर्तव्य और कर्म है।

2. धर्म के लिए अवतारों का कार्य

समय-समय पर इस वचन को स्मरण रखें,
जब इस संसार में धर्म का नाश होता है,
तब वे अवतार लेते हैं, उनके अवतार महान हैं,
सत्य की रक्षा करना, यही उनका कर्म-धर्म-प्राण है।

अर्थ: जब-जब धर्म का नाश या कलंक होता है, मैं अवतार लेता हूँ (यदा यदा हि...), इस श्लोक का स्मरण करते हुए भगवान विष्णु विभिन्न रूप धारण करते हैं। उनके प्रत्येक कार्य का उद्देश्य सत्य और धर्म की रक्षा करना है।

3. दस अवतारों के महान कार्य

मत्स्य 🐟, कूर्म 🐢, वराह, नरसिंह, वामन,
परशुराम, राम 🏹, कृष्ण 👑, बुद्ध और कलंकी-पालन,
प्रत्येक अवतार का कार्य, एक नीति का आधार,
अन्याय का विनाश, उनका धार्मिक विचार है।

अर्थ: विष्णु ने दस प्रमुख अवतार (दशावतार) लिए। मत्स्य (मछली) से लेकर भविष्य में कलंकी तक। उनका प्रत्येक कार्य एक विशिष्ट नीति पर आधारित था—अर्थात संसार में अन्याय और असत्य का नाश करना।

4. लक्ष्मी की सहचरी और त्रिमूर्ति की योजना

ब्रह्मा-विष्णु-महेश 🔱 की त्रिमूर्ति का अंश,
ब्रह्मांड की स्थिति को बनाए रखना, विष्णु का यज्ञ है,
लक्ष्मी 💖 उनकी पत्नी, धन की खान,
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, यही उनके कर्म की चेतना है।

अर्थ: भगवान विष्णु ब्रह्मा (ब्रह्मांड के रचयिता) और महेश (ब्रह्मांड के संहारक) के साथ त्रिमूर्ति के अंश हैं। ब्रह्मांड का संतुलन बनाए रखना उनका महत्वपूर्ण कार्य है। देवी लक्ष्मी उनकी पत्नी हैं, और धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष इन चार पुरुषार्थों का बोध बनाए रखना, उनके कर्म का मूल सिद्धांत है।

5. सुदर्शन चक्र का प्रयोग

हाथ ⭕ में सुदर्शन चक्र धारण करने से शत्रु भयभीत होते हैं,
धर्म के शत्रुओं का कोई पता नहीं चलता, उनके सारे अहंकार चूर-चूर हो जाते हैं,
वे शस्त्र धारण करते हैं तो भी उनका उद्देश्य शांति ही है,
ब्रह्मांड का रक्षाबंधन, यही उनकी नीति का नाम है।

अर्थ: उनके हाथ में सुदर्शन चक्र शत्रुओं के लिए भयंकर है। वे इस चक्र से धर्म विरोधियों के अहंकार का नाश करते हैं। शस्त्र धारण करने पर भी उनका उद्देश्य सदैव शांति बनाए रखना होता है। ब्रह्मांड की रक्षा ही उनकी नीति का अंतिम लक्ष्य है।

6. भक्तवत्सला, दीनों की रक्षक

वे भक्तों के लिए दौड़ती हैं, उनकी पुकार सुनती हैं,
चाहे गजेंद्र 🐘 का उद्धार हो, या प्रह्लाद की भक्ति,
दुख में दीन-दुखियों की सहायता करना, यही उनका कर्तव्य है,
भक्तवत्सला के रूप में उनकी कीर्ति सर्वत्र महान है।

अर्थ: भगवान विष्णु सदैव अपने भक्तों के लिए दौड़ते हैं। गजेन्द्र मोक्ष जैसी कथाओं में उन्होंने संकटग्रस्त प्राणियों की सहायता की है। भक्तवत्सल के रूप में उनकी ख्याति सर्वत्र महान है।

7. कर्म का अंतिम संदेश

विष्णु के जीवन, धर्म और कर्म का अर्थ,
सत्य और धर्म की उपासना ही स्वार्थ है,
प्रत्येक जीव के भीतर आत्मा के रूप में निवास करना,
अपना कर्तव्य पालन करना, यही उनके कर्म का केंद्र है।

अर्थ: भगवान विष्णु के जीवन और कर्म का अंतिम अर्थ यही है कि मनुष्य को सदैव सत्य और धर्म का पालन करना चाहिए। वे प्रत्येक जीव के भीतर 'आत्मा' के रूप में निवास करते हैं। ब्रह्मांड का पालन करना ही उनके कर्मों का वास्तविक उद्देश्य है।

🖼� प्रतीक और सारांश
अवधारणा भूमिका विवरण प्रतीक/इमोजी

कर्तव्य धर्मपालक, रक्षक 💎 रत्न
आराम क्षीरसागर 🌊 सागर पर शयन
नाग शेषनाग 🐍
शस्त्र संहारक, धर्म रक्षक ⭕ चक्र सहित
चारिणी ऐश्वर्या, पत्नी 💖 लक्ष्मी
अवतार समय-समय पर किए गए कार्य 🏹 बाण
गजेंद्र / भक्तवत्सल 🐘
राजा / कृष्ण श्री कृष्ण 👑

इमोजी सारांश (एक पंक्ति में):
💎 🌊 🐍 ⭕ 💖 🔱 🐘 👑

--अतुल परब
--दिनांक-19.11.2025-बुधवार.
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