🙏 श्री दानम्मादेवी यात्रा - गुड्डपुर, जाट-🙏 👑 🏞️ 🍚 📿 🤝 💖 🌟

Started by Atul Kaviraje, November 19, 2025, 07:41:58 PM

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Atul Kaviraje

श्री दानम्मादेवी यात्रा-गुड्डापूर, तालुका-जत-

19 नवंबर 2025 (बुधवार) को सांगली जिले के जाट तालुका के गुड्डपुर में आयोजित होने वाली श्री दानम्मादेवी यात्रा पर आधारित-

🙏 श्री दानम्मादेवी यात्रा - गुड्डपुर, जाट-
(श्री दानम्मादेवी यात्रा पर भक्ति कविता)

- भक्ति कविता 🌺

1. कृष्ण-भीम संगम पर देवी का स्थान

सांगली की धरती पर, जाट तालुका का नाम,
गुड्डापुर शहर में, दानम्मादेवी का स्थान,
जहाँ कर्नाटक-महाराष्ट्र की सीमा मिलती है,
वहाँ, भक्ति के रंग में, यात्रा का उत्सव।

अर्थ: सांगली जिले के जाट तालुका के गुड्डपुर में श्री दानम्मादेवी का मंदिर है। जहाँ महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों की सीमाएँ मिलती हैं, वहाँ यात्रा का उत्सव भक्ति के रंग में मनाया जाता है।

2. दानवीर देवी का पवित्र कार्य

दानम्मा देवी 👑 का अर्थ है दान की प्रतिमूर्ति,
उन्होंने भूखों को भोजन दिया, गरीबों को धर्म दिया,
उन्होंने अपना पूरा शरीर गरीबों के लिए समर्पित कर दिया,
त्याग और सेवा, यही उनका सच्चा प्रेम है।

अर्थ: दानम्मा देवी दान की सच्ची प्रतिमूर्ति हैं। उन्होंने भूखों को भोजन दिया और गरीबों को सही राह दिखाई। उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों और कमजोरों की सेवा में समर्पित कर दिया। त्याग और सेवा, यही उनका सच्चा प्रेम था।

3. मेले का दिन और भक्तों की मनोकामना

कार्तिक अमावस्या 🌑, बुधवार,
19 नवंबर 📅 के दिन, भक्त बहुत प्रसन्न होते हैं,
मेला भव्य होता है, भक्तिमय पदयात्राएँ चल रही होती हैं,
दानम्मा के दर्शन से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

अर्थ: कार्तिक अमावस्या और बुधवार शुभ दिन हैं। 19 नवंबर को, तीर्थयात्रा के दौरान भक्तों को अपार आनंद का अनुभव होता है। एक विशाल मेला लगता है और भक्ति कार्यक्रम शुरू होते हैं। दानम्मा देवी के दर्शन से सभी दुःख दूर हो जाते हैं।

4. लिंगायत समुदाय का सम्मान

वे लिंगायत समुदाय की पूजनीय माता हैं,
उन्होंने बसवेश्वर 📿 के संदेश को अपने सिर पर धारण किया,
उन्होंने कर्म और धर्म पर ज़ोर दिया,
वे भक्ति के पंथ में महान हैं।

अर्थ: दानम्मा देवी लिंगायत समुदाय की सबसे पूजनीय माता हैं। उन्होंने संत बसवेश्वर द्वारा दिए गए कर्म और धर्म के संदेश को धारण किया। भक्ति के मार्ग में उनका कार्य बहुत महान है।

5. अन्नदान और अर्पण समारोह

यात्रा के दौरान एक बड़ा अन्नदान 🍚 आयोजित किया जाता है,
हजारों भक्त प्रसाद ग्रहण करते हैं,
देवी की कृपा से कोई भी भूखा नहीं रहता,
सामाजिक समानता का संदेश सर्वत्र जाता है।

अर्थ: इस मेले के दौरान एक बड़ा अन्नदान कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। हजारों भक्त प्रसाद ग्रहण करने आते हैं। देवी की कृपा से कोई भी भूखा नहीं रहता। इस अन्नदान से सामाजिक समानता का संदेश सर्वत्र पहुँचता है।

6. कर्नाटक और मराठी संस्कृति का संगम

कन्नड़ 🗣� और मराठी, यहाँ की दो भाषाएँ,
संस्कृति 🤝 का संगम, तीर्थ का वह ऋण,
महाराष्ट्र और कर्नाटक भक्ति का मिलन,
दानम्मा की कृपा से शाश्वत एकता।

अर्थ: इस क्षेत्र में कन्नड़ और मराठी, दो भाषाएँ बोली जाती हैं। इस तीर्थस्थल में दोनों राज्यों की संस्कृतियों का सुंदर संगम देखा जा सकता है। महाराष्ट्र और कर्नाटक की भक्ति यहाँ मिलती है। दानम्मा देवी की कृपा से यह एकता सदैव बनी रहती है।

7. सेवा का संदेश और अंतिम सार

यह दानम्मा देवी 💖 का अंतिम संदेश है,
केवल भक्ति ही नहीं, सेवा ही उनका देश है,
लोगों की मदद, जीवन में खुशियाँ,
दानम्मा के चरणों में, कृतज्ञता।

अर्थ: दानम्मा देवी का यही अंतिम संदेश है कि केवल भक्ति ही नहीं, बल्कि लोगों की सेवा करना ही सच्चा धर्म है। लोगों की मदद करने से जीवन में खुशियाँ आती हैं। दानम्मा देवी के चरणों में अपना सिर रखकर इस जीवन को सार्थक बनाएँ।

🖼� प्रतीक और इमोजी सारांश
अवधारणा भूमिका विवरण प्रतीक/इमोजी

देवी दानम्मा देवी 👑 मुकुट
स्थान गुड्डपुर, जाट 🏞� नदी
कार्य दान, सेवा 🍚 भोजन
संप्रदाय लिंगायत 📿 मोती
भावनात्मक त्याग, एकता 🤝 ��एकजुटता
भक्ति / विश्वास सेवा, भक्ति 🙏
विशिष्टता पूजनीय माता 💖 🌟

इमोजी सारांश (एक पंक्ति में):
🙏 👑 🏞� 🍚 📿 🤝 💖 🌟

--अतुल परब
--दिनांक-19.11.2025-बुधवार.
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