🗑️ प्लास्टिक प्रदूषण और उसके समाधान -🎊 🗑️ ♻️ 🌳 🌊 🌍 ✋ 💚

Started by Atul Kaviraje, November 22, 2025, 08:01:14 PM

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Atul Kaviraje

प्लास्टिक प्रदूषण और समाधान-

🗑� प्लास्टिक प्रदूषण और उसके समाधान - लंबी मराठी कविता 🌳

यह प्लास्टिक प्रदूषण की गंभीर समस्या और उसके समाधान पर आधारित सात छंदों की एक सुंदर, सार्थक और तुकबंदी वाली, चार-लाइन की कविता है।

1. पहला छंद - प्लास्टिक का संकट

अभी मत देखो, प्लास्टिक के इस जाल को,
इसने दुनिया को घेर लिया है, कितना खाली हो गया है।
कचरे के ढेर में, प्रदूषण का कालापन,
ज़मीन, पानी, हवा, सब उजागर हो गए हैं।

मतलब: प्लास्टिक के इस संकट को अभी मत देखो।
इस प्लास्टिक ने पूरी दुनिया को घेर लिया है और बहुत सी बुरी चीज़ें की हैं।
कचरे के ढेर की वजह से प्रदूषण बढ़ा है और
ज़मीन, पानी और हवा सब दूषित हो गए हैं।

2. दूसरा छंद - समुद्री शैवाल

समुद्र में फेंका जाता है, मछलियाँ इसे खाती हैं, यह ज़हरीला करता है,
पानी के जानवरों को मिलता है, वह प्लास्टिक का जाल।
शांत, सुंदर पानी, उससे परेशान है,
माँ के पेट का पानी, अब उदास हो गया है।

मतलब: समुद्र में फेंका गया प्लास्टिक, मछलियाँ ज़हर की तरह खा लेती हैं।
इसलिए, पानी के जानवर इस प्लास्टिक से परेशान हैं।
शांत और सुंदर पानी इससे परेशान है।
समुद्र का पानी (पानी की माँ) अब इस प्रदूषण की वजह से उदास हो गया है।

3. तीसरी कड़वाहट - सड़न की कमी

सैकड़ों सालों तक प्लास्टिक मिट्टी में नहीं मिलता,
ज़मीन की उपजाऊ शक्ति, यह धीरे-धीरे खत्म कर देता है।
पेड़ और बेलें भी साँस नहीं ले पातीं,
भविष्य की चिंता, अब समझोगे?

मतलब: प्लास्टिक सैकड़ों सालों तक मिट्टी में नहीं मिलता (गलता नहीं)।
इसलिए, ज़मीन की उपजाऊ शक्ति धीरे-धीरे कम हो जाती है।
पेड़ों और बेलों के लिए साँस लेना मुश्किल हो जाता है।
यह भविष्य की चिंता है, क्या अब तुम्हें इसका एहसास होगा?

4. चौथी कड़वाहट - समाधान की शुरुआत

चलो एक फ़ैसला करते हैं, प्लास्टिक को 'ना' कहते हैं,
चलो कपड़े का थैला घर लाते हैं, इसे फिर से इज्ज़त देते हैं।
चलो स्टील के डिब्बे, कांच की बोतलों को दोबारा इस्तेमाल करते हैं,
दोबारा इस्तेमाल करते हैं और कम करते हैं, यही असली कला है।

मतलब: चलो प्लास्टिक को 'ना' कहने का फ़ैसला करते हैं।
चलो बाज़ार जाते समय कपड़े का थैला ले जाते हैं और इसे फिर से इज्ज़त देते हैं।
चलो स्टील के डिब्बे और कांच की बोतलों को दोबारा इस्तेमाल करते हैं।
चीज़ों को दोबारा इस्तेमाल करना और उनका इस्तेमाल कम करना, यही असली कला है (पर्यावरण की रक्षा करने की)।

5. पाँचवीं कड़वाहट - प्लास्टिक बैन लागू करना

सिंगल-यूज़ प्लास्टिक, तुरंत बैन होना चाहिए,
सरकार के बनाए नियमों का सख्ती से पालन होना चाहिए।
शहर अब प्लास्टिक-फ़्री, साफ़ होने चाहिए,
आने वाली पीढ़ियों के लिए, दुनिया को सुंदर बनाए रखें।

मतलब: सिंगल-यूज़ प्लास्टिक (एकल-उपयोग) तुरंत बंद होना चाहिए।
सभी को सरकार के बनाए नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। सभी शहरों को अब प्लास्टिक-फ्री और साफ होना चाहिए।
इस दुनिया को हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए सुंदर और सुरक्षित रखना चाहिए।

6. छठी कड़वाहट - लोगों में जागरूकता की ज़रूरत

हर घर में, स्कूलों में जागरूकता फैलानी चाहिए,
प्लास्टिक के बुरे असर सबको बताने चाहिए।
छोटे बच्चों में भी अच्छी आदतें डालनी चाहिए,
धरती को बचाने के लिए एक कैंपेन चलाना चाहिए।

मतलब: हर घर और स्कूल में इस बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए।
प्लास्टिक के बुरे असर सबको बताने चाहिए।
छोटे बच्चों में भी अच्छी आदतें डालनी चाहिए।
हमें अपनी धरती को बचाने के लिए यह कैंपेन चलाना चाहिए।

7. सातवीं कड़वाहट - एक सुंदर भविष्य का सपना

साफ हवा, शुद्ध पानी, धरती फिर मुस्कुराएगी,
प्राकृतिक जीवन की एक नई राह दिखेगी।
प्लास्टिक-फ्री दुनिया, यही हमारा सहारा है,
हमारी कोशिशों से ही यह उद्धार होगा।

मतलब: जब हवा साफ होगी और पानी शुद्ध होगा, तो हमारी धरती फिर खुशी से मुस्कुराएगी। नेचुरल और हेल्दी ज़िंदगी की एक नई दिशा दिखेगी।
प्लास्टिक-फ्री दुनिया ही हमारे लिए आधार है।
यह बदलाव हम सबकी कोशिशों से ही होगा और पर्यावरण बचेगा।

🎊 कविता का सारांश (इमोजी) 🎊
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--अतुल परब
--दिनांक-22.11.2025-शनिवार.
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