🧠 जीवन के तीन क्लेश 🏡 (चाणक्य नीति - अध्याय 2, श्लोक 8-📜 🤦 🔥 😔 🏡 ⛓️ 🗝️

Started by Atul Kaviraje, November 23, 2025, 04:46:06 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

चाणक्य नीति द्वितीय अध्याय -

कटञ्च खलु मूर्खत्वं कष्ट च खलु यौवनम्।
कटात् कारतरं चैव परगेहे निवासनम् ।।८।।

(यहाँ 'भक्ति' की जगह नीति-प्रार्थना का भाव रखा गया है, क्योंकि यह श्लोक मुख्य रूप से व्यावहारिक नीति पर आधारित है)।

🧠 जीवन के तीन क्लेश 🏡

(चाणक्य नीति - अध्याय 2, श्लोक 8 पर आधारित एक लंबी मराठी कविता)

श्लोक: मूर्खता दुखदायी है, जवानी दुखदायी है। कटत करतरं चैव परगेहे निवासनं ।।।।

श्लोक का छोटा अर्थ

सच में मूर्खता दुखदायी है, जवानी दुखदायी है, लेकिन किसी और के घर में रहना (निर्भरता) दोनों में सबसे ज्यादा दुखदायी है।

लंबी मराठी कविता

कड़वा 1: दुख की तिकड़ी

चाणक्य नीति की कहानी बताते हैं,
इंसानी जीवन की तीन कहानियाँ;
तीन दर्दनाक मुसीबतें,
हमें उनकी खासियत समझनी चाहिए। (📜)

पदचा मराठी अर्थ: आचार्य चाणक्य जीवन के नियमों (नियमों) की कहानी बताते हैं। इंसान की ज़िंदगी में ये तीन परेशानियाँ (उन्होंने बताईं)। ये तीनों ही दुख देने वाली हैं, हमें इनका खास (सार) समझना चाहिए।

कड़वा 2: मूर्खता का बंधन

यह पहली मूर्खता कड़वी है,
जहाँ ज्ञान का सार नहीं दिखता;
जीवन का रथ बिना सोचे-समझे चलता है,
हमेशा परेशानियों से घिरा रहता है। (🤦)

पदचा मराठी अर्थ: पहला दुख मूर्खता है, जो बहुत दुख देने वाली है, क्योंकि जहाँ ज्ञान का कोई हिस्सा नहीं है। अगर बिना सोचे-समझे ज़िंदगी जीती रहे, तो वह मूर्खता हमेशा परेशानियों से घिरी रहती है।

कड़वा 3: जवानी की आग

दूसरी जवानी दुख देने वाली है,
जहाँ इच्छा का बंधन नहीं होता;
ऊर्जा का बहाव, दिशा नहीं मिलती,
मन भ्रम और मोह में घुल जाता है। (🔥)

अर्थ (पदचा मराठी अर्थ): दूसरी मुश्किल जवानी (युवावस्था) है। इस उम्र में इच्छाओं (जुनून) पर कोई कंट्रोल नहीं रहता। एनर्जी तो बहुत है, लेकिन उस एनर्जी को सही दिशा नहीं मिल पाती। भ्रम और प्रलोभनों से मन अस्थिर हो जाता है और इसलिए मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं।

कड़वा 4: सेल्फ-रिस्पेक्ट की कीमत

मूर्ख और जवानी दुख देते हैं,
मन की हालत ठीक नहीं होती;
जो परतंत्रता में होती है,
जब सेल्फ-रिस्पेक्ट खतरे में होती है। (😔)

मतलब (पदचा मराठी अर्थ): मूर्खता और जवानी दुख देते हैं, लेकिन वे मन को इतना बुरा नहीं बनाते। परतंत्रता की हालत,
जब इंसान की सेल्फ-रिस्पेक्ट खतरे में होती है।

कड़वा 5: अजनबियों का घर

सबसे मुश्किल पराया घर,
जिसे आज़ादी से सांस न मिले;
दूसरों की जान पर जीना,
हर दिन बेइज्जती को शांति से पचाना। (🏡)

मतलब (पदचा मराठी अर्थ): सबसे दर्दनाक बात है किसी और के घर (शरण) में रहना, जहाँ आज़ादी और आज़ादी न मिले। दूसरों पर निर्भर रहना और हर दिन शरण देने वाले का अपमान चुपचाप सहना, यह बहुत बड़ा दुख है।

कड़वा 6: निर्भरता की जंजीर

काटने-काटने का दर्द,
जहाँ आत्मा का प्रकाश खो जाता है;
स्वतंत्रता का प्रकाश खो जाता है,
निर्भरता की छवि रह जाती है। (⛓️)

अर्थ (पदच मराठी अर्थ): यह दर्द (निर्भरता) पिछले दर्दों से भी ज़्यादा दर्दनाक है, क्योंकि यहाँ आत्म-सम्मान और स्वाभिमान का एक भी कण नहीं बचता। स्वतंत्रता नष्ट हो जाती है और निर्भरता की जंजीर लग जाती है।

कड़वा 7: नैतिकता का सार

इसलिए, ज्ञान प्राप्त करो, मजबूत बनो,
एक साधु की तरह जीवन का अर्थ लो;
निर्भरता को कभी बर्दाश्त मत करो,
स्वतंत्र जीवन जियो और शांति का आनंद लो। (🗝�)

पदच मराठी अर्थ: इसलिए, व्यक्ति को ज्ञान प्राप्त करना चाहिए और खुद को सशक्त बनाना चाहिए, जीवन का सही अर्थ जानना चाहिए। व्यक्ति को कभी भी निर्भरता को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। सच्ची शांति का अनुभव सिर्फ़ आज़ाद ज़िंदगी जीकर ही किया जा सकता है।

इमोजी सारांश
📜 🤦 🔥 😔 🏡 ⛓️ 🗝� 🧠

--अतुल परब
--दिनांक-23.11.2025-रविवार.             
===========================================