मोरोपंत (आर्याकार)-🌸कविता: "भक्ति की बाढ़" 🌸🌊 ✨ ⚔️ 😈 🏆 🕉️ 📝 👑 🙏🌸

Started by Atul Kaviraje, November 26, 2025, 07:28:53 PM

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Atul Kaviraje

             मोरोपंत (आर्याकार)-

     "जो भक्ति सरितपूरी षड़ींची सर्व वाहावी सेना।

     रुचला मनात बहुतेचि तो। भगवद्भक्त नाहती सेना ॥"

🌸 लंबी मराठी कविता: "भक्ति की बाढ़" 🌸

टाइटल: भक्ति की बाढ़

मतलब: सच्ची भक्ति छहों हवाओं को बहा ले जाती है, ऐसा भक्त दुनिया को प्यारा लगता है।

कड़वा
1
मोरोपंत की वाणी आर्य के अंदाज में मीठी है।
मोरोपंत की वाणी आर्य के अंदाज में बहुत मीठी है।
उन्होंने भक्ति का राज बताया।
उन्होंने दुनिया को भक्ति का राज बताया।

'सेना' शब्द पर, उन्होंने एक सुंदर मज़ाक बनाया।
उन्होंने 'सेना' शब्द पर एक सुंदर मज़ाक बनाया।
उन्होंने भगवान के भक्त की खास पोशाक का वर्णन किया।
उन्होंने भगवान के सच्चे भक्त की खासियतें बताईं।

2
भक्त जो भक्ति का सरितापुर पहनता है।
भक्त जो अपने जीवन में भक्ति की नदी की बाढ़ लाता है।
भगवान के नाम की आवाज़, अखंड नाम।
भगवान के नाम की आवाज़, लगातार याद।

बाढ़ आसान नहीं है, यह एक बड़ी बाढ़ है।
वह बाढ़ आसान नहीं है, यह एक बड़ी तबाही है।
यह मन के विकारों को जल्दी बहा ले जाती है।
यह मन की बुराइयों और बुरे विचारों को जल्दी बहा ले जाती है।

3

वह काम, क्रोध, लोभ और छह बुराइयों की सेना।
काम, क्रोध और लोभ की सेना।
भ्रम, नशे का, उसमें कोई निशान नहीं बचा है।
भ्रम, नशे (अहंकार) का कोई निशान नहीं बचा है।

भक्ति के बहाव में, सेना पूरी तरह से बह जाती है।
भक्ति के तेज बहाव में, वह पूरी दुश्मन सेना बह जाती है।
आत्मा के घर में, शांति का बीज रहता है।
फिर आत्मा के स्थान पर शांति स्थापित होती है।

4

हे भगवान, ऐसा भक्त सबको 'पसंद' होता है।
ऐसा भक्त भगवान और सबको पसंद होता है।
छह बुराइयों के बंधन से, जो खुद मुक्त हो गया है।
जो खुद षड्रिपु के बंधन से मुक्त हो गया।

उसका आचरण, उसके विचार, शुद्ध थे।
उसका व्यवहार और उसके विचार पूरी तरह से शुद्ध हो गए।
इसलिए दुनिया में उसकी कहानी महान थी।
इसीलिए दुनिया में उसकी कहानी महान मानी जाती है।

5

तुकाराम, ज्ञानेश्वर, जनक का उदाहरण।
जैसे संत तुकाराम, ज्ञानेश्वर और राजा जनक का उदाहरण।
उन्होंने भक्ति की, सारी इच्छाएं छोड़ दीं।
उन्होंने भक्ति की, अपनी सारी इच्छाएं और ख्वाहिशें छोड़ दीं।

अपनी 'सेना' लेकर चलते हुए, सफलता का रास्ता साफ हो गया।
क्योंकि उनके अवगुण धुल गए, उन्हें मोक्ष का रास्ता मिल गया।
वे भगवान के सच्चे भक्त हैं, पूरी तरह से इस दुनिया में।
वे इस दुनिया में भगवान के सच्चे भक्त हैं।

6

भक्ति की यह बाढ़ वैराग्य लाती है।
भक्ति की यह महान बाढ़ अपने साथ वैराग्य लाती है।
मन का सिंहासन भगवान को अर्पित हो जाता है।
मन का सिंहासन (अहंकार का आसन) भगवान को समर्पित हो जाता है।

तब 'मैं' चला जाता है, और 'तुम' की ताकत रह जाती है।
तब अपना अहंकार चला जाता है और सिर्फ भगवान की ताकत रह जाती है।
भक्त की उस हालत को देखकर परम आनंद दिखता है।
भक्त की उस हालत को देखकर बहुत धन्य महसूस होता है।

7

सेना महाराज का नाम एक अलग मतलब के साथ आता है।
संत सेना महाराज का नाम भी इसी मतलब में छिपा है।
ऐसा भक्त इस धरती पर पूजनीय है।

उठो! भक्ति के बहाव में, सभी बुराइयों को बहने दो।
उठो! भक्ति के बहाव में सभी बुराइयों को धो डालो।
मोरोपंत के विचारकों, 'भगवद भक्त सेना' बनो।
मोरोपंत के विचार से, तुम 'भगवद भक्त सेना' बन जाते हो।

🖼� EMOJI सारांश (Emoji सारांश):

श्लोक का कंटेंट सिंबल
भक्ति की बाढ़ 🌊 ✨
शद्रिपुंची की सेना ⚔️ 😈
विजय, सर्वोच्च भक्ति 🏆 🕉�
मोरोपंत, आर्य 📝 👑

ओवरऑल EMOJI सारांश (हॉरिजॉन्टल अरेंजमेंट):
🌊 ✨ ⚔️ 😈 🏆 🕉� 📝 👑 🙏🌸

--अतुल परब
--दिनांक-26.11.2025-बुधवार.     
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