👑 श्री कृष्ण: वेदांत का सार 🕉️👑 🌀 📖 ✨ 🌍 🧘‍♀️ 🚫 🙏 🛣️ ❤️ 🌟 ⛵ ⚖️ 🔗 💡

Started by Atul Kaviraje, November 26, 2025, 07:38:03 PM

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Atul Kaviraje

श्री कृष्ण और वेदांत दर्शन-
(भगवान कृष्ण और वेदांत दर्शन)
(Lord Krishna and Vedanta Philosophy)
Shri Krishna and Vedanta Philosophy-

भगवान कृष्ण और वेदांत दर्शन के टॉपिक पर आधारित

👑 श्री कृष्ण: वेदांत का सार 🕉�

कड़वे 1

वे द्वारका के स्वामी, यदुवंश के स्वामी, 👑
दुनिया के पालनहार, श्री कृष्ण नारायण हैं। 🌀
वेदों का सार, उपनिषदों का ज्ञान,
गीता के ज़रिए बताया गया, जीवन की गहरी समझ। 📖

मतलब:
वे द्वारका के स्वामी और यदुवंश के आभूषण हैं।
श्री कृष्ण नारायण दुनिया के पालनहार हैं।
वेदों का सार और उपनिषदों का ज्ञान,
उन्होंने गीता के ज़रिए बताया।
जो जीवन की गहरी समझ देता है।

इमोजी समरी: 👑 🌀 📖

कड़वे 2

'अहम ब्रह्मास्मि' वेदांत की पुकार है, ✨ "
मैं हर जगह मौजूद हूँ, मैं इस दुनिया का सहारा हूँ।" 🌍
ब्रह्म सच है, दुनिया झूठी है, ऐसा फॉर्मूला है,
कृष्ण कहते हैं, 'आत्मा-परमात्मा' एक जमात है। 🧘�♀️

मतलब:
'मैं ब्रह्म हूँ' वेदांत (उपनिषदों का आखिरी हिस्सा) फिलॉसफी की मुख्य घोषणा है।
श्री कृष्ण कहते हैं, "मैं ही वह हूँ जो हर जगह फैला हुआ है और इस दुनिया का आधार हूँ।"
ब्रह्म सच है और दुनिया सिर्फ एक भ्रम है, यही मुख्य फॉर्मूला है।
श्री कृष्ण कहते हैं कि 'आत्मा' और 'परमात्मा' एक ही जाति (एक ही सिद्धांत) के हैं।

इमोजी समरी: ✨ 🌍 🧘�♀️

कड़वा 3

उन्होंने कर्म योग सिखाया, फल की चिंता मत करो, 🚫
सिर्फ़ अपना फ़र्ज़ करो, यही सच्ची नीति है। 🙏
इच्छाओं को छोड़ो, निस्वार्थ कर्म करो,
वेदांत का रास्ता ही मुक्ति का सच्चा रास्ता है। 🛣�

मतलब:
श्री कृष्ण ने फल (नतीजे) की चिंता किए बिना 'कर्म योग' सिखाया।
सिर्फ़ अपना फ़र्ज़ करो, यही सच्ची नैतिकता है।
इच्छाओं और ख्वाहिशों को छोड़ दो, और बिना नतीजे की उम्मीद किए काम करते रहो।
यही वेदांत का रास्ता है, मुक्ति का सच्चा ठिकाना है।

इमोजी समरी: 🚫 🙏 🛣�

कड़वा 4

भक्ति योग ही एकमात्र आसान साधन है, ❤️
मैं ही दोस्त हूँ, मैं ही मुक्ति का ठिकाना हूँ। 🌟
ध्यान करके, अपना मन मुझे सौंप दो,
वेदांत के ज्ञान से, भव सागर को तर जाओ। ⛵

मतलब:
भक्ति योग सबसे आसान और सबसे खास साधन है।
श्री कृष्ण कहते हैं कि मैं तुम्हारा दोस्त और मोक्ष का धाम (निवास) हूँ।
अपने मन को एकाग्र करके, उसे मुझे समर्पित कर दो।
वेदांत के ज्ञान से, तुम इस संसार सागर को पार कर जाओगे।
इमोजी समरी: ❤️ 🌟 ⛵

कड़वा 5

सत्व, रजस, तमस, तीनों गुणों का यह खेल, ⚖️
माया के जाल में फँस जाओ। 🔗
इन गुणों से परे, 'न्यूट्रल' रहने का सार,
कृष्ण के त्याग की बुद्धि से, वेदांत को स्वीकार करो। 💡

मतलब:
सत्व, रजस और तमस ये तीन गुण हैं, जिनका यह पूरा खेल है।
इन गुणों और माया के जाल में फंसने से कन्फ्यूजन होता है।
इन तीनों गुणों से परे जाकर 'अनअटैच्ड' (न्यूट्रल) रहना, यही मुख्य सिद्धांत है।
कृष्ण को सब कुछ अर्पण करने की समझदारी से वेदांत का ज्ञान स्वीकार करो।

इमोजी समरी: ⚖️ 🔗 💡

कड़वा 6

शरीर कपड़ा है, आत्मा अमर और अमर है, 🔥
सारे बंधन तोड़ दो, 'अनब्रेक' तैयार हो जाओ। 🦋
जन्म और मृत्यु का डर, यह जानते हुए कि यह झूठ है,
परमात्मा के साथ एक हो जाओ, जाओ और आनंद लो। 💫

मतलब:
शरीर सिर्फ एक कपड़ा है, जबकि आत्मा अमर (अनंत) है और कभी नहीं मरती (अमर)।
इंसान को सारे बंधन तोड़कर 'अखंड' (टूटा हुआ नहीं, जो बँटा न हो) बन जाना चाहिए।
इंसान को यह जानना चाहिए कि जन्म और मृत्यु का डर सिर्फ़ एक भ्रम है।
इंसान को परमात्मा में मिल जाना चाहिए और उसके साथ एक हो जाना चाहिए।

इमोजी समरी: 🔥 🦋 💫

कड़वा 7

वेदांत का ज्ञान, कृष्णमुखी आया, 📢
यह सदियों से सच है, और आज भी है। 🌅
आइए हम सब मिलें, इस ज्ञान को प्रणाम करें, 🙏
आइए हम आध्यात्मिक मार्ग पर शांति का दीया जलाएँ। 🕯�

मतलब:
वेदांत का यह ज्ञान श्री कृष्ण के मुँह से निकला था।
यह हज़ारों सालों (सदियों) से सच है और आज भी है।
आइए हम सब मिलकर इस ज्ञान को प्रणाम करें।
आइए हम आध्यात्मिक मार्ग पर शांति का दीया जलाएँ।

इमोजी समरी: 📢 🌅 🙏 🕯�
इमोजी समरी: 📢 🌅 🙏 🕯�

✨ इमोजी समरी (इमोजी की समरी) ✨
👑 🌀 📖 ✨ 🌍 🧘�♀️ 🚫 🙏 🛣� ❤️ 🌟 ⛵ ⚖️ 🔗 💡 🔥 🦋 💫 📢 🌅 🙏 🕯�

यह कविता हमें भगवान कृष्ण और भगवद गीता में बताए गए वेदांत दर्शन का संदेश देती है।

--अतुल परब
--दिनांक-26.11.2025-बुधवार.
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