"पार्थ का दुख और संजय के शब्द"📜 🗣️ 👑 🏹 😭 💧 🧘

Started by Atul Kaviraje, November 30, 2025, 12:46:17 PM

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Atul Kaviraje

॥ ज्ञानेश्वरी भावार्थदीपिका ॥
॥ अथ प्रथमोऽध्यायः – अध्याय पहिला ॥

॥ अर्जुनविषादयोगः ॥

मग संजयो म्हणे रायातें । आईके तो पार्थु तेथें ।शोकाकुल रुदनातें । करितु असे ॥ १ ॥

तब संजय ने राजा धृतराष्ट्र से कहा – सुनो। उस समय अर्जुन दुख से व्याकुल होकर रोने लगा। ॥2-1॥

II.  कविता - ॥ ज्ञानेश्वरी भावार्थदीपिका ॥

कविता का सुंदर और पूरा शीर्षक:

"पार्थ का दुख और संजय के शब्द"

कठिन अंक
लंबी मराठी कविता (04 लाइनें)
हर पद का मराठी अर्थ (छोटा अर्थ)

1

तब संजय ने धृतराष्ट्र से कहा।
माँ ने धृतराष्ट्र से कहा।
कुरुक्षेत्र में क्या हुआ?
शांत मन से सुनो।

2

माँ, पार्थु वहाँ है।
वह रथ के खंभे पर खड़ा है।
उसके रिश्तेदारों के चेहरे सुनो।
वह वहाँ दुख में खड़ा है।

संजय ने कहा, सुनो! वह अर्जुन वहाँ, रथ के खंभे पर खड़ा है। अपने लोगों को देखकर, वह दुखी होकर उठ खड़ा हुआ।

3

एक दुख भरी चीख के साथ।
उसने ऐसा किया, वह भ्रम में भर गया।
उसके हाथ तीर और धनुष से फट गए थे।
वह हिम्मत हार गया, डर गया।

वह दुख से भर गया, रो रहा था; उसका रोना भ्रम से भरा था। उसके हाथों से तीर और धनुष गिर गए थे; वह डर गया और हिम्मत हार गया।

4

मोह का फंदा फैल गया।
वह अपना कर्तव्य और धर्म भूल गया।
एक योद्धा की भावना चली गई थी।
पार्थ दुख से भर गया।

'मेरेपन' के भ्रम का फंदा उसके चारों ओर फैल गया। वह एक क्षत्रिय का कर्तव्य और धर्म भूल गया। एक महान योद्धा की भावना चली गई थी, अर्जुन पूरी तरह से दुख से भर गया था।

5

यही उस शिक्षा का मूल है।
गीता कड़वे पेय की तरह मीठी है।
दुख का योग भी कितना हल्का है। ज्ञान का पौधा तुरंत बड़ा हो जाएगा।

अर्जुन के दुख की यह हालत ही उपदेश की जड़ है। श्री कृष्ण तुरंत उसे गीता का मीठा अमृत पिलाएंगे। यह सद्योग बहुत पवित्र है, जिससे ज्ञान का पौधा तुरंत बड़ा हो जाएगा।

6

अज्ञान और अंधेरे का जाल।
कमल की पंखुड़ियां फट जाएंगी।
पार्थ ज्ञान की शक्ति बन जाएगा।
फिर से ड्यूटी के लिए तैयार हो जाएगा।

उसे अज्ञान के अंधेरे के जाल को हटाना होगा। तभी ज्ञान का कमल बढ़ेगा और अर्जुन ज्ञान की शक्ति से फिर से ड्यूटी के लिए तैयार हो जाएगा।

7

संजय ने कहा, 'उसे सुनना चाहिए।
नीचे दी गई कहानी को दिल से लगा लेना चाहिए।
ज्ञान के भगवान को इसे आसान बनाना चाहिए।
इसे लोगों के फायदे के लिए बताया जाए।'

संजय ने कहा, "हे राजा, अब आपको नीचे दी गई कहानी सुननी चाहिए और इसे अपने दिमाग में बिठा लेना चाहिए।" संत ज्ञानदेव ने इस कहानी को आसान बनाकर लोगों के फायदे के लिए बताया है।

🎨 कविता का सारांश और इमोजी टेबल
कॉन्सेप्ट मराठी शब्द इमोजी

संजय संजयोक्ति 🗣�
राजा धृतराष्ट्र 👑
अर्जुन पार्थ 🏹
शोक/उदासी भरा शोक 😭
रोते हुए रोना 💧
शुरुआत/प्रारंभिक चैप्टर 📜
ज्ञान ज्ञानेश्वरी 🧘

इमोजी सारांश (कविता के अंत में इमोजी को हॉरिजॉन्टल तरीके से व्यवस्थित किया गया है):

📜 🗣� 👑 🏹 😭 💧 🧘

--अतुल परब
--दिनांक-27.11.2025-गुरुवार.
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