🌸 कविता टाइटल: दिखावे का खेल 🎭👑😔🙈🤫🎭🤣👤🥛🍚🍯🤕😴🛌💤🌸🧴🧖‍♀️

Started by Atul Kaviraje, December 04, 2025, 10:00:01 PM

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Atul Kaviraje

संत तुकाराम महाराज अभंग गाथा-
अभंग क्र.७
सुखे वोळंब दावी गोहा । माझें दुःख नेणा पाहा ॥१॥

आवडीचा मारिला वेडा । होय कैसा म्हणे भिडा ॥ध्रु.॥

अखंड मज पोटाची व्यथा । दुधभात साकर तूप पथ्या ॥२॥

दो पाहरा मज लहरी येती । शुद्ध नाहीं पडे सुपती ॥३॥

नीज नये घाली फुलें । जवळीं न साहती मुलें ॥४॥

अंगी चंदन लावितें भाळीं । सदा शूळ माझे कपाळीं ॥५॥

निपट मज न चले अन्न । पायली गहूं सांजा तीन ॥६॥

गेले वारीं तुम्हीं आणिली साकर । साता दिवस गेली साडेदहा शेर ॥७॥

हाड गळोनि आलें मास । माझें दुःख तुम्हां नेणवे कैसें ॥८॥

तुका म्हणे जिता गाढव केला । मेलियावरी नरका नेला ॥९॥

🌸  कविता

टाइटल: दिखावे का खेल 🎭

(भक्तिभाव पूर्ण, सिंपल, सरल, रसाल, यमक सहित, 07 कड़वे, 04 लाइनें हर एक)

अभंग का छोटा मतलब

यह अभंग एक पाखंडी साधक के बारे में है, जो खुश होने का दिखावा करता है लेकिन अंदर से दुखी होने का दिखावा करता है।
शानदार डाइट लेने के बावजूद, वह लगातार बीमार होने का नाटक करता है, लेकिन संत तुकाराम महाराज आखिर में उसके इस दिखावे का पर्दाफाश करते हैं कि वह नरक का हकदार है।

कविता

1. बाहरी खुशी का दिखावा

मैं खुशी का सहारा हूं, शरण का बड़ा दावा हूं।
लेकिन मेरा दुख, तुम्हें कभी पता न चले।
सुखे वोलम्बा दावि गोहा।
मेरा दुख देखो।
👑😔🙈🤫

2. पागलपन का दिखावा

मैं मन से पागल हूं, लाड़-प्यार से पाला है।
मैं कैसा बर्ताव करता हूँ,
भीड़ को मुझे नहीं बताना चाहिए।
प्यार मुझे मार रहा है, पागल।
हाँ, मैं भिड़ा कैसे कहूँ?
🎭🤫🤣👤

3. पथ का वो दिखावा

पेट दर्द मुझे लगातार परेशान कर रहा है।
इसलिए, मैं रोज़ पथ में दूध चावल लेता हूँ।
चीनी, घी, मेरी स्पीड नहीं।
मेरा पेट लगातार दर्द कर रहा है।
दूध चावल, चीनी, घी पथ।
🥛🍚🍯🤕

4. आलस की वो लहर

दो पहर मेरे पास आते हैं, नींद की लहरें।
मेरा पवित्र शरीर लेट जाता है और आराम करता है।
मैं शांति से सोता हूँ, फूल मेरे बिस्तर को देखते हैं।
दो पहर मेरे पास आते हैं, लहरें आती हैं।
मुझे ठीक से नींद नहीं आती।
😴🛌💤🌸

5. आलीशान माथा

अंदर की तरफ चंदन और भली का लेप लगाएं।
शांति के लिए, हर समय ठंडक महसूस होनी चाहिए।
फिर भी, माथे में हमेशा दर्द रहता है।
मैं अपने शरीर पर चंदन लगाता हूं।
मेरे माथे में हमेशा ऐंठन रहती है।
🧴🧖�♀️😖💫

6. पेटूपन की एक कहानी

सादा खाना और पानी, मुझे बिल्कुल पसंद नहीं है।
इसीलिए गेहूं के दाने तीन हो गए।
सात दिन में कितनी चीनी खाई।
खाना मत खाओ।
पैली गेहूं संजा तीन।
पिछली बार तुम और अली सकार।
सात दिन में साढ़े दस सेर बीत गए।
🍚❌📈🎂

7. टुकोब्स का आखिरी फैसला

हड्डियां गैलोनी, मास उर्ले कहते हैं हाथ।
तुम मेरा दुख नहीं जानते।
तुम कहते हो, इस गधे की स्पीड जीतो।
मेलियावरी तो, वह नरक में जाता है।
हड्डी का नुकसान और मास।
मैं अपना दर्द तुम्हारे पास कैसे ले जाऊं?
तुम कहते हो कि तुमने गधे को जीत लिया।
मेलिया को नरक ले जाया गया।
🦴😭🧠🔥

इमोजी समरी

👑😔🙈🤫🎭🤣👤🥛🍚🍯🤕😴🛌💤🌸🧴🧖�♀️

--अतुल परब
--दिनांक-03.12.2025-बुधवार.
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