इंद्र जिमि जंभ पर
बाडव सुअंभ पर
रावण सदंभ पर
रघुकुलराज है !
पौन बारिबाह पर
संभु रतिनाह पर
ज्यों सहसबाह पर
राम द्विजराज है !
उदरात माउली
रयतेस साउली
गडकोट राउळी
शिवशंकर हा
मुक्तीची मंत्रणा
युक्तीची यंत्रणा
खल दुष्टदुर्जना
प्रलयंकर हा
संतास रक्षितो
शत्रू निखंदतो
भावंडभावना
संस्थापितो
ऐसा युगेयुगे
स्मरणीय सर्वदा
माता-पिता-सखा
शिवभूप तो
दावा दृमदंड पर
चीता मृगझुंड पर
भूषन वितुंड पर
जैसे मृगराज है !
तेज तमअंस पर
कान्ह जिमि कंस पर
त्यों मलिच्छ बंस पर
सेर सिवराज है !
जय भवानी, जय शिवाजी !
गीत - कवि भूषण, डॉ. शिरीष गोपाळ देशपांडे
संगीत - अजय-अतुल
स्वर -
(शीर्षक गीत, मालिका: राजा शिवछत्रपती, वाहिनी: स्टार प्रवाह)