तुम ना होती तो साथ मेरे
ये जिंदगी भी ना मिलती,
जो तू नही तो साथ मेरे
कोई खुशीया भीनही खलती।
वो तुम ही थी ,
जो मुझे मुस्कान दे गई,
हर गम मे जिने की
आदत लगा गई,
अब तू नही तो साथ मेरे
ये जिंदगी विरान है लगती,
जो तुम होती गर साथ मेरे
ये जिंदगी जन्नत सी लगती।
तू थमजा ऐ धडकन यही
मै रोज ये कहता हु,
चाह नही है जिना की
फिर भी मै जिता हु,
मिलजा तू फिरसे
मुझे किसी मोड पर,
की मेरी हर सांस
तेरा नाम है लेती,
अब आभीजा
तू मेरी जिंदगी मे,
की मेरी हर सांस
ये तुझसे है कहती।
शैलेश मेश्राम