मनमोहिनी

Started by amoul, November 16, 2012, 02:16:16 PM

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amoul

देव लोकातल्या  कोण्या  राणी साठी  कुणीतरी  घेऊन  जाताना  गुलाब फुल,
सांडली  असेल  पाकळी एक  ती  म्हणजे  तू.............................

रंग  गोरा  मन  निर्मळ,
पापण्यांत  मदनाचे  ओघळ,
ओठांवरी  मोगर्याचा  भास,
गंध  कस्तुरी  अंगास.
अशी  तू  दिसतें  मोहिनी, कामिनी,
तुला  बघताना  वाटे  तू  हवीस  जीवनी.

वारा  जोराचा  वाहिल्यावर  सुद्धा  तुला  खरचतट असेल  कदाचित,
विरघळत  असेल  रंग  घामाने  वगैरे,
तू  थांबून  थांबून  बोलतेस  तेव्हा  वाटते,
शब्दालाही  भीती  वाटत  असावी त्रास  होईल  तुझ्या  जिभेला  वगैरे .........
तुझी   हळुवार  हालचाल  खिळवत  ठेवते  नजर  तुझ्यावर,
रुमाल  सुद्धा  इतक्या  नाजुकतेने  उचलतेस कि  त्याचीही  घडी  विस्कटत  नसेल  कदाचित,

कापसाचा  देह  सारा,
कापसाचा  स्पर्श  सारा,
वाराही  जोराने  वाहता,
येत  असेल  अंगी  शहारा,
इतके  नाजुकपणपण  बाई काय  कामाचे,
कि  प्रत्येक  स्पर्शावर  लागे  पहारा,

शरीरावर  तुझ्या  तांबूस  लव जसं  सांजवेळी  किरणं  सोनेरी,
मनमोहक....... जीवघेणी
भुवया  धनुष्याकार .......... आणि  खाली  नितळ  नजरेचा  बाण.
बोटात  हिर्याची   अंगठी जसं  हिर्यावर  हिरा  चढवलेला.
मनगटात  नाजुकसे  घड्याळ...... एकच  बांगडी.
गळ्यात  नाजुकशी   माळ  त्यात   हृदयाचा  आकाराचं  लॉकेट सवंगडी.
खांद्यावर सावरलेली  ओढणी.....पाठीमागे  सोडलेली  वेणी.
इतकाच  तुझा  साज  तरी  वरदान  तुला  कि  तू  रुपाची  खणी......
अगदी  देखणी...........मनमोहिनी.....मनमोहिनी......




.....अमोल

केदार मेहेंदळे


Preetiii