गीत तुझे गाऊ दे

Started by amoul, November 16, 2012, 02:18:35 PM

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amoul

थेंब  गालावरून  निथळे  खांद्यावरी,
त्या  नितळ  थेंबात  भिजू  दे.
केस  ओले  तुझे,  जीव  नव्याने  रुजे,
आग  या  मनाची  विझू  दे.
हा  देह  आगीचा शांत  कर  चुम्बुनी,
आणखी  नको  लाउस  आग  पाहून  लांबुनी.
स्वर्ग  सुख  तोकडे, तू  जवळी  असता  लाडके,
मांडीवर  शांत  तुझ्या  निजू  दे.

माझी  वाट दूरची, दूरच्या  गावची,
थांबलो  मी  जरा  विश्रांती  घ्यायला,
खूप  काही  इथून  न्यायचे  मला  जरी,
पाहुनी  मी  तुला  लागलो  सर्वस्व द्यायला
एक  हळुवार  श्वास  टाक  माझ्यावरी,
अलवार  पाऊल  ठेव  माझ्या घरी,
घेऊ  मिटुनी  सारी  कवाडे  दाराची,
घेऊ  उघडून  कवाडे  अंतरीची,
देह  माझा  कधीतरी  घे  बाहोत  लपेटून,
देहास  तुझ्या  मिठीत  सजू  दे.

रात्रभर  बोलू  दोघे  निवांत,
जागवू  रात्र  ती,
दुरावा  क्षणाचा  नको,
विसरू  भान  अंगाचेही,
शुद्ध  भाव  पवित्र  मिलन,
होऊ  दे  साजणी,
हात  दे  हातामध्ये  तू  जरा  लाजुनी,
अधिकार  कसलाही  नको  कुणावरी,
छाप  विश्वासाची  मनावरी  उमटू  दे.

तू  जेव्हा  लागतेस काही  बोलायला,
शब्द  हि  माझे  लागती  हरवायला,
पाहता  पाहता वेळ  जाई  निघून,
कळेना  काही  मला  काय लागे  व्हायला.
जीभ  होते  जड, बोलणे अवघड,
स्वतःला  मांडण्याची  सुरु  असते  धडपड.
तू  काय  समजत  असशील मला,
वेडपट  कि घमेंडी  कुणी,
काय  सांगू  किती  बोलतो  तुझ्याशीच,
मी नेहमी  माझ्या  मनी.
सांगता  येईना, तुलाही  समजेना कसे,
बोल  माझ्या मनीचे  मनी तुझ्या  उमटू  दे.

रम्य  कांती  तुझी,  गौर  वर्ण  तुझा,
नितळ  काया, शुद्ध  माया तुझी,
तुला  काय  ठाऊक  असेल,
कि कुणी  वेडा जपतो  तुझी  छाया  मनी.
हि  भीती  वाटते  राग  येईल  तुला,
तुझे  स्वच्छ  वागणे , माझी  चोरटी नजर.
दाखवतो  वागणे  वेगळे  तुला,
पण  रात्री कवितेत माझ्या  तू असतेस  हजर.
नाही  भाव  माझाही खोटा  असेल  कधी,
पण  प्रेम  माझे  तुझ्यावरी सांगता  येईना,
वाटे  खूपच  भीती होणार्या  परिणामाची,
म्हणुनी  जे  आहे  आता  ते  तसेच  राहू  दे.

एक  ना  एक  दिवस  तुला  जायचेच  दूर,
तो  दिवस अखेर  आला  आहे जवळ,
तू  जाशील तेव्हा  असेल का  माझी  आठवण  तुला,
पण  माझ्या  उरी  उरेल  एक  हळवासा  वळ.
प्रयत्न  नक्की  करेन  विसरण्याचा  तुला,
पण  जालीम  तुझा  स्पर्श  तो  खट्याळ  किती,
अजुनी  सुद्धा  तो  सहजच  स्पर्श  मला,
तुला  आठवत  ठेवण्याची  देतो  भीती.
एकदा  एके  दिवस  काही  क्षण  माझ्यासवे,
दे  तुझे  अन  मला  आयुष्यभर गीत तुझे  गाऊ  दे.


.....अमोल[size=0pt][/size]

केदार मेहेंदळे

Amoul,

Kavita mast aahe pan malaa watat hi shrungaarik kavitet ajun shobhun disel

Shrikant R. Deshmane

atishay sundar amoulji..
kharach khup chan..
श्रीकांत रा. देशमाने.

[ कविता म्हणजे कागद,
लेखणी अन् तू... ]