ज्ञानदेव

Started by kumudini, February 25, 2013, 05:45:21 PM

Previous topic - Next topic

kumudini

       ज्ञानदेव
    कुमुदिनी काळीकार

बाळ नेवाशाचा --- भक्त पंढरीचा
करितो गजर --- विट्ठल विट्ठल
यातना अनंत --- तरी ओठी नाम
द्वारी विठ्ठलाच्या --- राहिला अभंग
बाळ जरी होता --- विद्येचा विधाता
कथिला गीतार्थ --- जनकल्याणार्थ
कनकाचे तेज --- अग्नी झळाळतो
यातनांच्या संगे --- ज्ञाना संत होतो
भक्तिमार्ग लोका --- दावण्या जन्मला
कार्य पूर्ण होता --- समाधिस्थ झाला
शिष्य निवृत्तीचा --- हरिपाठ रचे
ज्ञानाचा प्रकाश --- दिगंत पसरे
धन्य ती आळंदी --- धन्य ती पंढरी
सभोती भक्तीचा --- आनंदी अनंद


Shrikant R. Deshmane

श्रीकांत रा. देशमाने.

[ कविता म्हणजे कागद,
लेखणी अन् तू... ]

केदार मेहेंदळे

chan abhang aahe... hi bhakti kavitet post kara!

विक्रांत


shashaank

vaa, bhaktirasaane paripoorn ...

vijaya kelkar

                धन्य धन्य झाले

sweetsunita66