झूला

Started by kumudini, May 04, 2013, 03:44:36 PM

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kumudini

 
चांदण्या  रातीला

झूला  बांधावा  आंब्याला

उंच  नेऊन  झोक्याला 

घ्यावे  ओंजळी  चंद्राला

झोका  नेऊन  आभाळा

घ्यावे वेचून  तारा फुला

त्याच्या  पाहून  लावण्या

वेड  लागते  जीवला

झोत  आकाश  गंगेचा 

वाहे  प्रकाश  तेजाचा

काठी  बसून  तियेच्या

न्याह ळावे  त्या  तेजाला

सारी  रात  सोन्द्ररयाचा 

होता  खजिना  लुटला

रामपारी  जाग  आला

होता  सूर्य  देव  उगवला

                                    कुमुदिनी  कळीकर 


 

मिलिंद कुंभारे

अप्रतिम..........
:) :) :)

विक्रांत