ही वाट चांदण्याची

Started by kumudini, May 22, 2013, 07:34:47 PM

Previous topic - Next topic

kumudini

 ही  वाट  चांदण्याची 
माझ्या  माहेरी  जाते 
या  सौम्य  चान्द्रम्यात
माया  माउलीची  पाहते
या  सौम्य  चान्द्रम्यात
माया  माउलीची  पाहते
या  विशाल  आभाळात
काळीज  पित्याचे  वसते
या  आकाश  गंगेतून
माया  भावंडाची  वाहते
धृव  तारा  गगनाचा
प्रतीक  भाऊ रायचा
चमचमत्या  तारका  या
नंदादीप  देवा  पुढच्या 
आकाशाच्या  दर्पणात
रोज  माहेर  मी  पाहते
रोज  माहेर  मी  पाहते
                                      कुमुदिनी  काळीकर
 





केदार मेहेंदळे


मिलिंद कुंभारे


sweetsunita66

मस्त !!!! अप्रतिम ... छान लिखाण  आहे .  ;D ;D ;D