मन

Started by aap, May 27, 2013, 02:04:16 PM

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मन

मन माझे मंदिर

नसे त्यात दुजा भाव

त्यात वसे कोमल गंधार

मन माझे सोपान

असे विसाव्याचे स्थान

क्षणभर विसरते देहभान

मन माझे कळस

असे उंचीचे शिखर

ध्येय पूर्तीचा सतत ध्यास

                               सौ. अनिता फणसळकर     



rudra

anita faar chaan lihilay....

केदार मेहेंदळे