शब्द हे घेऊनि शब्द सूर

Started by kumudini, May 28, 2013, 05:25:38 PM

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kumudini

शब्द  हे  घेऊनि                                             शब्द   सूर 

सूर तू देशील क


गीतात  माझ्या

प्राण  तू  भरशील  ना

शब्द  हे  बापुडे   

सुराविना  पोरके

बांधून  बंदिशीत  त्या

वैभवा  नेशील   ना

संगीत  हे  तुझे

अन  गीत  माझे

सूर  ताला  बांधुनी त्या

अमर  त्या करशील ना 

                                   कुमुदिनी  काळी कर 

rudra

kamudini, apratim kavya aahe...

copy pest karayla ghai karu nako....

मिलिंद कुंभारे


केदार मेहेंदळे


कवि - विजय सुर्यवंशी.


kumudini

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Kumudini Kalikar