शब्द

Started by kumudini, May 31, 2013, 03:45:08 PM

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kumudini



शब्द  हे   छेद णारे  अस्त्रही

अन  शब्द  संद्णारा  सेतुही

शब्द  आशीर्वादही

अन शब्द  अभिशाप  ही

शब्द  अभिशाप  ही

अन  शब्द  नवनीत ही

शब्द  कठोर वज्र  ही

शब्द  मखमाली  हिरवळ  ही

अन  ते  काटेरी  निवडूंग  ही

शब्द  शरदाचे  चांदणे

अन  रणरण ते  आतप  ही

शब्द  अमृताचा  वर्षाव  ही

अन जाळणारे  हलाहल  ही

बोलणारा  बोलतो  कसे

त्यावरी  ते  विसंबुनी  असे

                                     कुमुदिनी  काळीकर


कवि - विजय सुर्यवंशी.




शब्द  हे   छेद णारे  अस्त्रही

अन  शब्द  संद्णारा  सेतुही

शब्द  आशीर्वादही

अन शब्द  अभिशाप  ही

शब्द  अभिशाप  ही

अन  शब्द  नवनीत ही

शब्द  कठोर वज्र  ही