आषाढ आर्त ....

Started by shashaank, July 17, 2013, 11:18:41 AM

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shashaank

आषाढ आर्त ....

आषाढ वरुण |
कृपेने भरुन |
जातसे सरुन |
देह भाव ||

आषाढ मासात |
अभंग ओठात |
भावही मनात |
वाहे कसा ||

सावळा विठ्ठल |
केव्हा तो भेटेल |
अंतरी विव्हल |
वारकरी ||

ज्ञानोबा तुकोबा |
भेटवा विठोबा |
पालखीची शोभा |
दिव्य पाही |

अभंगात गावा |
मनात वसावा |
एकचि विसावा |
पांडुरंग ||

आता नको काही |
मागणे ते पायी |
हेचि दान देई |
विठा माई ||

-shashaank purandare.


मिलिंद कुंभारे


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