भारत मा कि पुकार

Started by sweetsunita66, August 15, 2013, 10:15:21 PM

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sweetsunita66

छोटा हो या बडा हो मसला,
अगर तुममे है जरा भी हौसला
लावे जैसा फूट पडो,
और दुश्मनो पर टूट पडो .

चखा दो उनको हिंदुस्तानी पानी
जरा  उन्हे याद करा दो नानी,
हिम्मत न करे वो आंख उठाने की,
तिरंगे कि शान घटाने  की.

भारत माता के फिर टुकडे न हो,
हिंदू मुस्लिम के दुखडे  न हो,
जगाओ अंदर का आजाद-भगत,
करनी   पड सकती  है  दुश्मनो से जुगत.
आओ उठो सज्ज हो लो,
नई उमंग और जोश भर लो,
दिखा दो नौजवानो गरम खून कि तरंग,
पता  चले दुनिया को,
हम है भारतीय दबंग.

भारत माता  पुकार रही है,
गौरव से अपने पुत्रो को,
कैसे शूर पैदा किये इस मा ने,
दुनिया को दिखलाने  को.

आओ मिलकर प्रयास करे यह,
माता कि शान घटने न दो,
आज यह कसम खा लो,तिरंगे को बटने न दो.   

                                              सुनिता नाड्गे(शेरकर)
                                                    १५ ऑगस्ट २०१३
                                                 HAPPY INDEPENDENCE DAY :) :) :)

Nileshsab

Sundar kavita ahe. Hindi kavitansathi kavyakosh.com navachi ek site ahe. Tithe post kara.
Regards.

sweetsunita66


कवि - विजय सुर्यवंशी.

भारत माता के फिर टुकडे न हो,
हिंदू मुस्लिम के दुखडे  न हो,
जगाओ अंदर का आजाद-भगत,
करनी   पड सकती  है  दुश्मनो से जुगत.
आओ उठो सज्ज हो लो,
नई उमंग और जोश भर लो,
दिखा दो नौजवानो गरम खून कि तरंग,
पता  चले दुनिया को,
हम है भारतीय दबंग. ..........
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nice lines.........

sweetsunita66