चारोळी

Started by aap, September 18, 2013, 10:07:20 AM

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aap

चारोळी

तू छेडीता हृदयी तार
अंतरी उमटे हळवा सूर
कोमल लाघव होई नूर
फुलासवे जसा भ्रमर

          सौ. अनिता फणसळकर