संतजन

Started by विक्रांत, November 29, 2013, 08:21:06 PM

Previous topic - Next topic

विक्रांत

करी संतजन | तुम्हाला वंदन |
भाव हा धरून | आदराने ||१||
आपुल्या कृपेने | उमजला धर्म
परमार्थ वर्म | कळो आले ||२ ||
होतो भटकत | हिताहित नेणे |
आपुल्या प्रेमाने | उद्धरलो ||३||
जीवनाचा अर्थ | प्रेमे सांगितला |
धरुनी हाताला | क्षेम दिला  ||४||
आता चालवावे | तुम्हा हवे तिथे |
नच काही माते | ठरविणे ||५||

विक्रांत प्रभाकर

Çhèx Thakare



shashaank


विक्रांत