ratra kali bilwar kali

Started by Vijay Deshpande, December 05, 2013, 06:36:37 PM

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Vijay Deshpande

Hi kavita kunakade asel tar pathwa
regards.
Vijay

shashaank

रात्र काळी घागर काळी ।
यमुना जळें ही काळीं वो माय ॥१॥

बुन्थ काळी बिलवर काळी ।
गळा मोती एकावळी काळी वो माय ॥२॥

मी काळी कांचोळी काळी ।
कांस कासौळे ते काळीं वो माय ॥३॥

एकली पाणीया नव जाय साजणी ।
सवें पाठवा मूर्ति सांवळी वो माय ॥४॥

विष्णुदास नाम्याची स्वामिणी काळी ।
कृष्णमूर्ति बहू काळी वो माय ॥५॥

रचना:-विष्णुदास नामदेव महाराज

Vijay Deshpande