होय मी शिवाजीराजे भोसले बोलतोय. ......

Started by कवि । डी....., March 19, 2014, 10:34:02 AM

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कवि । डी.....

(कविता  वाचण्यापूर्वी  जोरात  म्हणा-
         जय  भवानी !
        जय  शिवाजी !!
        जय  महाराष्ट्र !!! )


ऊठा  मर्दानो ,  जागे  व्हा
संघटनेचे   धागे   व्हा

प्रत्येक   मावळ्यात  आता
शिवाजी  मला  दिसला  पाहिजे

एक  नव्हे  तर  आता
हरएक  शिवाजी  झाला  पाहिजे

चारही  बाजूंनी  शत्रू  होते
निजाम , मुघल , इंग्रज  होते

दाणादाण   त्यांची   उडवली   होती
बोटे   त्यांची   कापली   होती

विसरलात   का  तुम्ही   मला ?
तुमच्यासाठीच   केलं   सगळं

स्वराज्याच   स्वप्न   माझं
दिल्ल्लीत   भगवा   फडकला   पाहीजे

अंगात   रक्त    सळसळू   द्या
जगाला   आता   कळू   द्या

शिवाजी   अजून   जिवंत   आहे
मराठ्याच्या   नसानसात   वाहतोय

होय ,  मी  शिवाजीराजे  भोसले  बोलतोय
होय ,  मी  शिवाजीराजे  भोसले  बोलतोय. .............


                । कवि-डी ।
               स्वलिखीत
                दि. 19.03.2014
                वेळ. सकाळी. 10.32