निरभ्र राती...

Started by Lyrics Swapnil Chatge, March 20, 2014, 07:17:31 AM

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Lyrics Swapnil Chatge

निरभ्र काळोख्याच्या चादंराती,
मन माझं वेडी चादंणे मोजती...
अन् का मज प्रत्येक क्षणाला,
त्या चादंण्यात फक्त तू नजर येती....!!

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©स्वप्नील चटगे.