सरस्वती

Started by kumudini, April 21, 2014, 06:52:31 PM

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kumudini

सरस्वती
ब्रह्म  सुता  तू  सरस्वती
बुद्धीची  स्वामिनी
मयूर  वाहिनी  वीणा  धारिणी
वंदन  तुझिया  चरणी
तार  वीणेची  तव  झंकारुनी
मुळाक्षरे  ही  त्यात  जन्मुनी
वेद  ऋचांची  करिती  निर्मिती
अगाध  तव  करणी
वरद  हस्त  हा  तुझा  लाभता
वाल्मिकी  हो  तो  वाल्याचा
वेद ऋचांचे  हो  उच्चारण
मुक्याही  ओठातूनी
रवी  तेजापरी  तू  तेजस्विनी
प्रभा  फाकते  ज्ञाना  किरणी
आशीर्वच  तव  लाभो  म्हणुनी
अवनत  तव  चरणी
                                 कुमुदिनी  काळीकर