देवा काय करू मी ...!!

Started by कवि । डी....., April 26, 2014, 10:59:21 PM

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कवि । डी.....

देवा  काय  करू   मी
कळत  नाही  मला..!!

संकटावर   संकट   येतात
मला   हरवू   पहातात..!!

लढून   संकटाशी    थकलो  आहे
उसन   अवसान  संपले  आहे...!!

श्रद्धा   आणि    सबुरी  तुझी
धीरही    माझा  खचला   आहे...!!

आता  फार  निराश  झालो
श्वास  ही  माझा  मंद   चालला...!!

जीवन   सारे   निरस  झाले
सगळा  आनंद  ही  संपला...!!

तुटले   माझी   नाती  सगळी
झाली  निर्माण    भयान   पोकळी...!!

जग   उदास   सारे  झाले
सोबती  सारे  सोङूनी   गेले...!!

अशी  कशी   वेळ  आणली
का  कर्माची   माझ्या  फळे  सगळी...!!

काय  आणि  कोठे  चुकले
सांग    मला  अवसान  गळाले...!!

का   भोग  आहेत  नशीबाचे   माझ्या
भोगीन   मी   समजून   सजा...!!

पण   असा  तु   नको  रूसू
जग   माझ्यावर  लागेल  हसू...!!

पायात  बेडी मायाजालाची 
आई बाप   बायका मुलाची...!!

धड   मरता  ही  येत  नाही
धड   जगता  ही  येत  नाही...!!

काही  तरी  रस्ता  दाखव
जगण्याची   गोडी   चाखवं...!!

विश्वास   तुझ्यावर   लोक
ठेवणार   नाहीत   बघ...!!

देव   आहे  असं  कोणी
म्हणणार   नाही   बघ ..!!




         । कवि-डी ।
             स्वलिखीत
            दि. 26.  04.14
              वेळ. रात्री . 10 . 50