मन पाखरू

Started by raj4u, July 12, 2014, 05:39:30 PM

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raj4u

मन पाखरू उंच आकाशात जाई

कुणा उमगत नाही संवाद नाही..!

एकटाच घुटमळत व्याकुल होई

कुणासाठी वेडावलं कळत नाही..!!

                © राज पिसे*