*पापणीची स्वप्नकाठ*

Started by Lyrics Swapnil Chatge, July 26, 2014, 10:35:22 PM

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Lyrics Swapnil Chatge

सखे माझ्या पापण्‍यांच्‍या स्‍वप्‍न काठावर,
शोधताना तुजला हरवून गेली वाट...
परतून येशील ना गं वेडी जीवनात,
घेवूनी एक नवे आशेची नवी पहाट...
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@ स्‍वप्‍नील चटगे